DRDO और वायु सेना ने किया भारत के लंबी दूरी के पहले स्वदेशी बम का सफलतापूर्वक परीक्षण
यह बम 50 से 150 किमी की रेंज वाले हथियारों की श्रेणी का एक हिस्सा है.

भारतीय वायु सेना (IAF) की टीम और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने शुक्रवार, 29 अक्टूबर, 2021 को ओडिशा के बालासोर के ऊपर एक लड़ाकू जेट से देश के पहले स्वदेशी रूप से विकसित लंबी दूरी के बम (LRB) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.
भारत के लंबी दूरी के पहले स्वदेशी बम के बारे में जरुरी जानकारी
यह बम 50 से 150 किमी की रेंज वाले हथियारों की श्रेणी का हिस्सा है. भारत सरकार ने इन हथियारों के बारे में ज्यादा विवरण साझा नहीं किया, लेकिन इस बात का उल्लेख किया है कि, LRB का परीक्षण एक हवाई मंच से किया गया था.
रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा है कि, यह बम, "भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान से रिहा होने के बाद, निर्दिष्ट सीमा के भीतर सटीकता के साथ लंबी दूरी पर भूमि-आधारित लक्ष्य के लिए निर्देशित किया गया था". मंत्रालय ने फिर आगे यह कहा कि, "सभी मिशन उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है."
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इस बयान में यह भी कहा गया है कि, इस बम की उड़ान और प्रदर्शन की निगरानी इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (EOTS), टेलीमेट्री और ओडिशा में स्थित चांदीपुर की एकीकृत परीक्षण रेंज द्वारा तैनात रडार सहित कई रेंज सेंसर द्वारा की गई थी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लंबी दूरी के पहले स्वदेशी बम के सफल परीक्षण पर दी बधाई
इस बम को अन्य DRDO प्रयोगशालाओं के समन्वय से, हैदराबाद में DRDO की अनुसंधान केंद्र इमारत (RCI) प्रयोगशाला द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल उड़ान परीक्षण के लिए DRDO और वायु सेना को बधाई दी है और यह कहा है कि, इस बम का यह सफल परीक्षण सशस्त्र बलों के लिए एक बल गुणक साबित होगा.
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