रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अग्नि सीरीज की नई मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण किया. सुबह 10.55 बजे ओडिशा के तट के पास डॉ. अब्दुल कलाम टापू पर इसका परीक्षण किया गया. यह मिसाइल सभी पैमानों पर सटीक पाई गई है.
अग्नि प्राइम मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है. डीआरडीओ के अनुसार, अग्नि प्राइम मिसाइल को 4,000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-4 और 5,000 किलोमीटर की अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीकी को मिलाकर तैयार किया गया है.
अग्नि प्राइम मिसाइल की मारक क्षमता
अग्नि प्राइम मिसाइल की मारक क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर है, लेकिन यह मिसाइल अत्याधुनिक साजो सामान से सुसज्जित है. इस मिसाइल ने उच्च स्तर की सटीकता के साथ मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया है.
India successfully carried out the test firing of a new missile of the Agni series known as Agni-Prime at 10.55 am today, off the coast of Odisha. The new nuclear-capable missile is fully made up of composite material and it was a textbook launch: Govt Sources pic.twitter.com/ZVdCFGPhZN
— ANI (@ANI) June 28, 2021
अग्नि प्राइम मिसाइल
अग्नि प्राइम मिसाइल दो स्टेज और सॉलिड फ्यूल पर आधारित है. इसे एडवांस रिंग-लेजर गायरोस्कोप पर आधारित जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम द्वारा निर्देशित किया जाएगा. इसका गाइडेंस सिस्टम इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स से लैस हैं. सिंगल स्टेज वाले अग्नि-1 के विपरीत, डबल स्टेज वाले अग्नि प्राइम फ्लैक्सिबिलिटी के साथ सड़क और मोबाइल लॉन्चर दोनों से फायर किया जा सकता है.
अग्नि प्राइम में अत्याधुनिक तकनीक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अग्नि प्राइम में अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग के कारण यह पिछले संस्करण की तुलना में कम वजन वाली स्लीक मिसाइल शक्ति है. इससे इसकी मारक क्षमता पहले तुलना में अधिक घातक होगी.
अग्नि-1 का परीक्षण
भारत ने मई 1989 में पहली बार मध्यम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-1 का टेस्ट किया था. उस समय इसकी मारक क्षमता 700 से 900 किलोमीटर थी. इस मिसाइल को वर्ष 2004 में सेना में शामिल किया गया था. यदि अग्नि प्राइम का टेस्ट सफल रहता है तो यह अग्नि-1 की जगह ले लेगी. भारत अब तक अग्नि सीरीज की पांच मिसाइल विकसित कर चुका है.
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