ईरान के अति-रूढ़िवादी मौलवी और न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम रायसी को देश के आठवें राष्ट्रपति के तौर पर चुना गया है. देश के गृह मंत्रालय ने 19 जून, 2021 को इस बारे में पुष्टि की थी.
मंत्रालय ने यह पुष्टि की है कि, इब्राहिम रायसी ने हाल के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान 61.95 प्रतिशत वोट जीते. इन चुनावों में कुल 48.8 प्रतिशत मतदान हुआ था जोकि वर्ष, 1979 की क्रांति के बाद से राष्ट्रपति चुनाव के लिए सबसे कम मतदान है.
इब्राहिम रायसी उदारवादी राष्ट्रपति हसन रूहानी की जगह, अगस्त माह के शुरू में ईरान के राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करेंगे. वर्तमान राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रायसी की जीत के बाद, लोगों को उनकी पसंद के लिए बधाई भी दी.
मुख्य विशेषताएं
• रायसी को 28,933,004 वोट मिले थे, जबकि रिवोल्यूशनरी गार्ड के पूर्व कमांडर मोहसिन रेज़ाई 3,412,712 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.
• उनके बाद उदारवादी उम्मीदवार अब्दुलनास्वर हेममती को 2,427,201 मत मिले और रूढ़िवादी अमीर हुसैन गाजीजादेह हाशमी को केवल 999,718 मत मिले.
• राष्ट्रपति पद की दौड़ में शून्य मत (वोयड वोट्स) 3,726,870 के साथ दूसरे स्थान पर रहे.
• रायसी की इस जीत की घोषणा से पहले मोहसिन रेजाई, अब्दोलनासर हेममती और अमीर हुसैन गाजीजादेह हाशमी ने अपनी हार मान ली थी.
अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करने वाले पहले ईरानी राष्ट्रपति
इब्राहिम रायसी पदभार ग्रहण करने से पहले ही संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा वर्ष, 2019 में स्वीकृत होने वाले पहले ईरानी राष्ट्रपति बन गए हैं.
क्या हुआ था?
संयुक्त राज्य अमेरिका ने वर्ष, 2019 में इब्राहिम रायसी को उनकी निम्नलिखित भूमिका के लिए ब्लैकलिस्ट किया था:
- वर्ष, 1988 में राजनीतिक बंदियों की सामूहिक फांसी.
- वर्ष, 2009 के हरित आंदोलन के विरोध पर कार्रवाई.
इब्राहिम रायसी के बारे में
• इब्राहिम रायसी उत्तरपूर्वी शहर मशहद में पले-बढ़े, जो शिया मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र है, जहां आठवें शिया धार्मिक नेता इमाम रज़ा को दफनाया गया है.
• उन्होंने शुरू में कई न्यायालयों के लिए अभियोजक/ प्रॉसीक्यूटर के तौर पर कार्य किया, फिर वे उप अभियोजक नियुक्त होने के बाद वर्ष, 1985 में तेहरान चले गए.
• उसके बाद मार्च, 2016 में उन्होंने न्यायिक प्रणाली में अनेक रैंकों पर तरक्की की और फिर, उन्हें सर्वोच्च नेता द्वारा अस्तान-ए कुद्स रज़ावी के संरक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया, जो इमाम रज़ा का प्रभावशाली मंदिर है.
• उन्होंने वर्ष, 2017 में भी मौजूदा राष्ट्रपति रूहानी के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था, लेकिन तब उन्हें केवल 38 प्रतिशत वोट ही मिले थे.
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