भारतीय निर्वाचन आयोग ने लोक सभा चुनाव 2019 हेतु नागरिकों को उनके नाम, नए पंजीयन, ब्यौरे में बदलाव और मतदाता पहचान पत्र में सुधार के लिए मतदाता पुनरीक्षण और सूचना कार्यक्रम (वीवीआईपी) लांच किया.
भारतीय निर्वाचन आयोग ने इस कार्यक्रम के लिए विभिन्न माध्यमों की शुरूआत की है. देश के सभी जिलों में संपर्क केंद्र बनाए गए हैं. मतदाता हेल्प लाइन नम्बर 1950 है. संपर्क केंद्रों में नवीनतम जानकारी मौजूद है.
निर्वाचन आयोग के द्वारा नवीनतम तकनीक के उपयोग से चुनावी गतिविधियों में नवीनता आई है. चुनावों के प्रभावी संचालन के लिए निर्वाचन आयोग ने स्मार्ट तकनीक का उपयोग करना सुनिश्चित किया है.
दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला आयोजित:
• लोक सभा चुनाव 2019 के संचालन में सूचना और संचार तकनीक के उपयोग पर दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला आयोजित की गई थी. प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्देश्य सुनना, सीखना, आत्मसात करना और अनुप्रयोग करना हैं.
• कार्यशाला के दौरान वीवीआईपी कार्यक्रम लांच किया गया. प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारियों आईटी इंचार्ज, नोडल अधिकारियों, राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों, तथा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के तकनीकी संसाधन सदस्यों ने भाग लिया.
• प्रशिक्षण के दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सी-विजिल अनुप्रयोग की जानकारी दी गई. इस अनुप्रयोग में आदर्श चुनाव संहिता के साक्ष्य आधारित सबुत, खर्च सीमा का उल्लंघन और स्वचालित स्थान निर्धारण आंकड़ें के साथ लाइव फोटो/वीडियों की सुविधा है.
भारतीय निर्वाचन आयोग: • भारतीय निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त एवं अर्ध-न्यायिक संस्थान है जिसका गठन भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से विभिन्न से भारत के प्रातिनिधिक संस्थानों में प्रतिनिधि चुनने के लिए गया था. • भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को की गयी थी.आयोग में वर्तमान में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त होते हैं. • मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भारत का राष्ट्रपति करता है. • मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या आयु 65 साल, जो पहले हो, का होता है जबकि अन्य चुनाव आयुक्तों का कार्यकाल 6 वर्ष या आयु 62 साल, जो पहले हो, का होता हैं. • चुनाव आयुक्त का सम्मान और वेतन भारत के सर्वोच्च न्यायलय के न्यायधीश के सामान होता है. मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद द्वारा महाभियोग के जरिए ही हटाया जा सकता हैं. |
मोबाइल एप्प के माध्यम से शिकायत दर्ज:
मोबाइल एप्प के माध्यम से कोई भी नागरिक शिकायत दर्ज कर सकता है. फ्लाइंड स्क्वाएड मामले की जांच करेंगे और रिटर्निंग ऑफिसर निर्णय लेंगे. शिकायत की स्थिति और समय सीमा की जानकारी शिकायत कर्ता के साथ साझा की जा सकती है.
पुस्तिका भी जारी:
इस अवसर पर सी-विजिल उपयोग पुस्तिका और इवीएम प्रबंधन प्रणाली उपयोग पुस्तिका भी जारी की गई.
‘वोटर हेल्पलाईन’ एप्प लांच:
• एंड्राएड आधारित ‘वोटर हेल्पलाईन’ एप्प को भी लांच किया गया. इस एप्प से सभी नागरिक विभिन्न सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं जैसे मतदाता सूचि में अपना नाम ढूंढना, ऑनलाइन फार्म जमा करना, आवेदन की स्थिति जानना, शिकायत दर्ज करना और एप्प पर जवाब प्राप्त करना.
• इस मोबाइल एप्प पर सभी फार्म, चुनाव परिणाम, उम्मीदवारों का शपथ पत्र, प्रेस विज्ञप्तियां, मतदाता जागरूकता और प्रमुख दिशा निर्देश उपलब्ध हैं.
पीडब्ल्यूडी एप्प लांच:
• दिव्यांगजनों के लिए पीडब्ल्यूडी एप्प लांच किया गया. इस एप्प के माध्यम से दिव्यांगजन अपनी पहचान पंजीकृत कर सकते हैं, नया पंजीयन कर सकते हैं, पते और अन्य ब्यौरे में बदलाव कर सकते हैं.
• केवल संपर्क ब्यौरा देने के बाद ही बूथ स्तर का अधिकारी उन्हें घर पर सुविधा प्रदान करेगा. चुनाव के दौरान दिव्यांगजन व्हिलचेयर की मांग भी कर सकते हैं.
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