केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2022 (Economic Survey 2022) पेश कर दिया है. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार के बजट से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति का ब्योरा दिया गया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी 2022 को देश का आम बजट पेश करेंगी.
यह वित्तीय वर्ष 2022-23 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 8 से 8.5 फीसदी की विकास दर का अनुमान लगाता है. गौरतलब है कि पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री होने के नाते यह निर्मला सीतारमण का चौथा बजट होगा, जबकि साल 2014 में सत्ता पर काबिज होने के बाद से मोदी सरकार का यह 10वां बजट होगा.
Finance Minister Nirmala Sitharaman tables the Economic Survey 2021-22 along with Statistical Appendix in the Lok Sabha.#BudgetSession2022 pic.twitter.com/9p2nos5bRz
— ANI (@ANI) January 31, 2022
मुख्य बिंदु
• आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2022 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 8-8.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है.
• दूसरी तरफ राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमान के अनुसार आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रह सकती है.
• आर्थिक समीक्षा वित्त वर्ष 2021-22 में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति के साथ ही वृद्धि में तेजी लाने के लिए किए जाने वाले सुधारों का ब्योरा दिया गया है.
• वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 फीसदी की गिरावट आई थी. आर्थिक समीक्षा भारतीय अर्थव्यवस्था (Economy of India) की स्थिति को मजबूत बनाने हेतु आपूर्ति-पक्ष के मुद्दों पर केंद्रित है.
• यह मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन का पहला आर्थिक सर्वेक्षण भी है. इन्होंने हाल ही में कार्यभार संभाला था.
• आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था के वृहद-आर्थिक संकेतक बताते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2022-23 की चुनौतियों का सामना करने हेतु अच्छी तरह से तैयार है. हालांकि, महंगाई में बढ़ोतरी एक चिंता का विषय है.
• आर्थिक समीक्षा भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाने हेतु आपूर्ति-पक्ष के मुद्दों पर केंद्रित है. वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 फीसदी की गिरावट आई थी.
आर्थिक सर्वेक्षण क्या होता है?
हर साल बजट 01 फरवरी के दिन पेश किया जाता है. इसके ठीक एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) को सामने रखा जाता है. हालांकि इसे पिछले साल 29 जनवरी को पेश किया गया था. आपको बता दें कि आर्थिक सर्वेक्षण बजट का मुख्य आधार होता है और इसमें अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर पेश की जाती है. पहला आर्थिक सर्वेक्षण वित्त वर्ष 1950-51 में पेश किया गया था.
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