कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 21 फरवरी 2019 को अपने अंशधारकों को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपनी जमाओं (पीएफ) पर 0.10 प्रतिशत ब्याज बढ़ोतरी की घोषणा की. ईपीएफओ की इस घोषणा के अनुसार, पीएफ खातों पर अब 8.55 के स्थान पर 8.65 प्रतिशत ब्याज मिलेगा.
इस तरह चालू वित्त वर्ष के लिये ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.65 फीसदी हो गई है. इससे 6 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा. सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) की एक अहम बैठक में पीएफ दरें बढ़ाने का फैसला हुआ है.
बोर्ड की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होगी. वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ब्याज दर को अंशधारक के खाते में डाला जाएगा.
एक नजर: पीएफ ब्याज दर पर
वित्त वर्ष | ब्याज दर |
2012-13 | 8.50% |
2013-14 | 8.75% |
2014-15 | 8.75% |
2015-16 | 8.80% |
2016-17 | 8.65% |
2017-18 | 8.55% |
2018-19 | 8.65% |
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है, जो वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर पर निर्णय लेता है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन:
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, भारत की एक राज्य प्रोत्साहित अनिवार्य अंशदायी पेंशन और बीमा योजना प्रदान करने वाला शासकीय संगठन है. सदस्यों और वित्तीय लेनदेन की मात्रा के मामले में यह विश्व की सबसे बड़ा सगठन है. इसका मुख्य कार्यालय दिल्ली में है. वर्ष 1952 में कर्मचारी भविष्य निधि और प्रावधान अधिनियम 1952 के अंतर्गत इस संगठन की स्थापना हुई.
संगठन के प्रबंधकों में केंद्रीय न्यासी मण्डल, भारत सरकार और राज्य सरकार के प्रतिनिधि, नियोक्ता और कर्मचारी शामिल होतें हैं. इसके अध्यक्षता भारत के केंद्रीय श्रम मंत्री करतें हैं.
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