वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत शुरू की गई इलेक्ट्रानिक वे बिल (ई-वे बिल) प्रणाली 01 अप्रैल 2018 से देशभर में लागू हो गई है. वित्त मंत्रालय ने साफ किया कि ई-वे बिल की वैधता अवधि को ट्रांसपोर्टर की तरफ से जीएसटी फार्म में पहली बार डिटेल्स भरने के दिन से गिना जाएगा.
फिलहाल ई-वे बिल प्रणाली को 50,000 रुपये से अधिक के सामान को सड़क, रेल, वायु या जलमार्ग से एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर लागू किया गया है.
ई-वे बिल से संबंधित मुख्य तथ्य:
• ई-वे बिल जेनरेट करने की पहली शर्त तो यह है कि कारोबारी जीएसटी पोर्टल पर रजिस्टर्ड हो. अगर ट्रांसपोर्टर रजिस्टर्ड नहीं है, तो उसका ई-वे बिल पोर्टल https://ewaybillgst.gov.in पर पंजीकृत होना जरूरी है. इसके लिए उसके पास टैक्स इनवॉइस, बिल या डिलिवरी चालान और सामान ट्रांसपोर्ट कर रहे ट्रांसपोर्टर की आईडी होना जरूरी है.
• जीएसटी परिषद द्वारा मंजूर किये गये नियमों के मुताबिक 100 किलोमीटर से कम दूरी तय करने पर ई- वे बिल संगत तिथि से एक दिन के लिये वैध होगा. इसके बाद प्रत्येक 100 किलोमीटर के लिये संगत तिथि से वैधता एक अतिरिक्त दिन के लिये होगी.
• अगर ई-वे बिल में किसी भी तरह की गलती हो जाती है, तो आप उसे सुधार नहीं सकेंगे. ऐसी स्थिति में आपको जिस ई-वे बिल में गलती हुई है, उसे रद्द करना होगा और नया ई-वे बिल जेनरेट करना होगा.
• यदि एक ट्रांसपोर्टर के पास एक ही वाहन में कई कंसाइनमेंट हैं, तो वह जीएसटी ईडब्ल्यूबी-02 फॉर्म का उपयोग एक संपूर्ण ई-वे बिल बनाने के लिए कर सकता है, जिसमें प्रत्येक खेप का ई-वे बिल नंबर उपलब्ध कराया जा सकता है.
• अगर किसी वजह से ट्रक को आधे घंटे से ज्यादा समय के लिए रोक लिया जाता है तो ट्रांसपोर्टर इसकी जानकारी ई वे बिल पोर्टल पर दे सकता है.
तथ्य और आंकड़े:
ई-वे बिल पोर्टल पर अभी तक कुल 10,96,905 करदाताओं द्वारा पंजीकरण कराया है. इसके अतिरिक्त 19,796 ट्रांसपोर्टरों ने भी पोर्टल पर पंजीकरण कराया है.
ई-वे बिल क्या है:
जीएसटी लागू होने के बाद 50 हजार रुपए या ज्यादा के माल को एक राज्य से दूसरे राज्य या राज्य के अंदर 50 किलोमीटर या अधिक दूरी तक ले जाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक परमिट की जरूरत होगी. इस इलेक्ट्रॉनिक बिल को ही ई वे बिल कहते हैं, जो जीएसटीएन नेटवर्क के अंतर्गत आता है.
ई-वे बिल की वैधता:
यह वैधता माल (वस्तु) ले जाने की दूरी के आधार पर तय होगी. अगर किसी वस्तु का गतिशीलता (मूवमेंट) 100 किलोमीटर तक होता है तो यह बिल सिर्फ एक दिन के लिए वैलिड (वैध) होता है. अगर इसका मूवमेंट 100 से 300 किलोमीटर के बीच होता है तो बिल 3 दिन, 300 से 500 किलोमीटर के लिए 5 दिन, 500 से 1000 किलोमीटर के लिए 10 दिन और 1000 से ज्यादा किलोमीटर के मूवमेंट पर 15 दिन के लिए मान्य होगा.
पृष्ठभूमि:
केंद्र सरकार ने इससे पहले एक फरवरी से ई-वे बिल प्रणाली को लागू किया था लेकिन पोर्टल में बाधा होनें की वजह से इसके क्रियान्वयन को रोक दिया गया था. ई-वे बिल को जीएसटी में राजस्व चोरी रोकने के एक बड़े उपाय के तौर पर माना जा रहा है.
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