भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित स्मारकों तथा पुरातत्व स्मारकों को पॉलीथिन मुक्त क्षेत्र घोषित किया. संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महेश शर्मा द्वारा 2 अगस्त 2017 को राज्य सभा में एक लिखित प्रतिउत्तर में भी यह घोषणा की गयी.
• भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि किसी भी संरक्षित स्मारक की परिधि से 300 मीटर की दूरी तक का क्षेत्र प्लास्टिक मुक्त होगा.
• इस क्षेत्र में प्लास्टिक कचरा फेंकने पर जुर्माना हो सकता है. इसके लिए सम्बंधित विभागों को सूचना भेज दी गयी है.
• सेक्रेटरी (संस्कृति) ने इस विषय पर डेमी ऑफिसर को भी दिशा-निर्देश जारी किये तथा संरक्षित स्मारकों को पॉलिथीन मुक्त रखने के लिए कदम उठाने हेतु कहा.
• यह कदम संस्कृति मंत्री द्वारा पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबन्ध हेतु दिए गये सुझाव के बाद उठाया गया.
• पूरे देश में इसे लागू करने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को भी दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं.
• एक पुरा-स्मारक जिसे सम्बंधित अधिनियम के अंतर्गत राष्ट्रीय-महत्व का घोषित किया जाए, वह संरक्षित स्मारक कहलाता है.
• वर्ष 1951 में प्राचीन तथा ऐतिहासिक स्मारक और पुरातत्वीय स्थल एवं अवशेष (राष्ट्रीय महत्व की घोषणा) अधिनियम, 1951 (सं. IXX ऑफ 1951) लागू किया गया.
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