हिंदी के मशहूर साहित्यकार और आलोचक नामवर सिंह का निधन

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में भारतीय भाषा केंद्र की स्थापना करने और हिंदी साहित्य को नए मुकाम पर ले जाने में उनका सराहनीय योगदान है.

Feb 20, 2019, 11:04 IST
famous hindi writer namvar singh died
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हिंदी के विख्यात आलोचक और साहित्यकार नामवर सिंह का 19 फरवरी 2019 को दिल्ली में निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली. नामवर सिंह 93 वर्ष के थे. वे पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में भारतीय भाषा केंद्र की स्थापना करने और हिंदी साहित्य को नए मुकाम पर ले जाने में उनका सराहनीय योगदान है. हिंदी में आलोचना विधा को उन्होंने नई पहचान दी. उनका काम और उनका योगदान, उनके जाने के बाद भी कई पीढ़ियों को प्रभावित करेगा.

नामवर सिंह:

   नामवर सिंह का जन्म 28 जुलाई 1926 को बनारस जिले (अब चंदौली) के जीयनपुर गांव में हुआ था.

•   नामवर सिंह ने अपने लेखन की शुरुआत कविता से की और वर्ष 1941 में उनकी पहली कविता ‘क्षत्रियमित्र’ पत्रिका में छपी.

•   उन्होंने वाराणसी के हीवेट क्षत्रिय स्कूल से मैट्रिक और उदयप्रताप कालेज से इंटरमीडिएट किये थे.

   नामवर सिंह ने वर्ष 1949 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से बीए और वर्ष 1951 में वहीं से हिन्दी में एमए किया. उन्होंने हिंदी साहित्य में काशी विश्वविद्यालय से पीएचडी भी किये.

   वे लंबे अरसे से हिंदी के सबसे गंभीर आलोचक और समीक्षक के रूप में जाने जाते हैं उनकी छायावाद, नामवर सिंह और समीक्षा, आलोचना और विचारधारा जैसी किताबें चर्चित हैं.

•   आलोचना में उनकी किताबें पृथ्वीराज रासो की भाषा, इतिहास और आलोचना, कहानी नई कहानी, कविता के नये प्रतिमान, दूसरी परंपरा की खोज, वाद विवाद संवाद आदि मशहूर हैं. उनका साक्षात्कार 'कहना न होगा' भी सा‍हित्य जगत में लोकप्रिय है.

•   उन्हें साहित्य अकादमी सम्मान से भी नवाजा गया. नामवर सिंह एक प्रखर वक्ता भी थे.

   अध्यापन और लेखन के अलावा उन्होंने जनयुग और आलोचना नामक हिंदी की दो पत्रिकाओं का संपादन भी किया है.

   वे वर्ष 1993 से वर्ष 1996 तक राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन के अध्यक्ष भी रहे.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार:

वे वर्ष 1959 में चकिया चन्दौली सीट से लोकसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार रहे. वे चकिया-चंदौली सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

लंबे समय तक अध्यापन कार्य:

हिंदी साहित्यजगत के चर्चित आलोचक नामवर सिंह ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के अलावा दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में लंबे अरसे तक अध्यापन कार्य किया था. वर्ष 1970 में जोधपुर विश्वविद्यालय (राजस्थान) के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष-पद पर प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किए गए. वर्ष 1974 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर नियुक्त हुए और वहीं से वर्ष 1987 में सेवा-मुक्त हुए. फिर वह अगले पांच साल के लिए उनकी जेएनयू में पुनर्नियुक्ति हुई.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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