एफएओ परिषद ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष मनाने के भारत के प्रस्ताव को मंजूरी दी

Dec 10, 2018, 12:58 IST

इस अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की पृष्ठभूमि में भारत वर्ष 2018 को राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मना रहा है ताकि इन पोषक अनाज की खेती और खपत को बढ़ावा दिया जा सके. मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी और छोटे बाजरा आते हैं.

FAO Council approves India’s proposal to observe 2023 as International Year of Millets
FAO Council approves India’s proposal to observe 2023 as International Year of Millets

खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) परिषद ने वर्ष 2023 में अंतर्राष्‍ट्रीय बाजरा-ज्‍वार दिवस के रूप में मनाने के भारत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. वर्तमान में रोम में चल रहे एफएओ परिषद के 160वें सत्र ने प्रस्ताव को मंजूरी दी. केन्‍द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने 07 दिसंबर 2018 को इस बात की जानकारी दी. 

इससे खाद्य और पोषाहार सुरक्षा के लिए खाने की थाली में पौष्टिक अनाजों को वापस लाने के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ेगी और जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौती का सामना करने के लिए उत्‍पादन बढ़ेगा.

 

मंजूरी से संबंधित मुख्य तथ्य:

•   पौष्टिक अनाजों की उपज और खपत को प्रोत्‍साहित करने के लिए भारत द्वारा 2018 को राष्‍ट्रीय बाजरा-ज्‍वार वर्ष के रूप में मनाने की पृष्‍ठभूमि में यह अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍वीकृति मिली है.

•   केद्र सरकार द्वारा ज्‍वार का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में भी वृद्धि की गई है. इस फसल में ज्‍वार, बाजरा, रागी आते हैं और इन्‍हें पौष्टिक अनाज माना जाता है.

•   ज्‍वार का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 1725 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2450 रुपये प्रति‍ क्विंटल कर दिया गया है.

•   बाजरे का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 1425 रुपये प्रति क्विंटल से 1950 रुपये प्रति क्विंटल तथा रागी का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 1900 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2897 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.

•   खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के माध्‍यम से राज्‍य सरकारों को न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर किसानों से ज्‍वार, बाजरा, मक्‍का खरीदने की अनुमति दी गई है.

•   एफएओ परिषद ने वर्ष 2020 तथा वर्ष 2021 के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र विश्‍व खाद्य कार्यकम (डब्‍ल्‍यूएफपी) के कार्यकारी बोर्ड में भारत की सदस्‍यता को भी स्‍वीकृति दे दी है.

 

खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) परिषद के बारे में:

•   खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की स्‍थापना 16 अक्टूबर 1945 में कृषि उत्‍पादकता बढ़ाने और ग्रामीण आबादी के जीवन निर्वाह की स्‍थिति में सुधार करते हुए पोषण तथा जीवन स्‍तर को उन्‍नत बनाने के लक्ष्य के साथ की गई थी. विश्‍व खाद्य सुरक्षा समिति (सीएफएस), खाद्य का उत्‍पादन, खाद्य तक पहुंच सहित विश्‍व खाद्य सुरक्षा विषयक नीतियों की समीक्षा और अनुपालन के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ तंत्र में एक मंच के रूप में कार्य करती है.

•   भारत एफएओ और सीएफएस, दोनों का सदस्‍य है. विश्‍व खाद्य सुरक्षा समिति (सीएफएस) डब्‍ल्‍यूएफएस कार्य-योजना के कार्यान्‍वयन की प्रगति की निगरानी करती है. एफएओ का मुख्यालय रोम में स्थित है. वर्तमान में इस संस्था के 194 सदस्य हैं.

•   एफएओ के प्रथम महानिदेशक ब्रिटेन के जॉन ओर थे. इसके वर्तमान महानिदेशक सेनेगल के जैक्स डियोफ हैं. इस संगठन को सदस्य देशों के सम्मेलन द्वारा शासित किया जाता है.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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