वित्त मंत्रालय ने हाल ही में श्रम मंत्रालय को कर्मचारी भविष्य निधि कोष पर 2016-17 के लिए 8.65 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दे दी है. इससे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के चार करोड़ से अधिक अंशधारकों को फायदा होगा.
वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय को भेजी सूचना में यह शर्त लगाई है कि इस ब्याज दर से सेवानिवृत्ति कोष को घाटा नहीं होना चाहिए. ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने 8.65 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी है. अब श्रम मंत्रालय कर्मचारियों को 8.65 प्रतिशत ब्याज प्रदान कर सकता है.
ईपीएफओ के अनुमान के मुताबिक बीते वित्त वर्ष हेतु यह ब्याज देने के बाद उसके पास अधिशेष बचेगा. वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय से अपनी सिफारिशों में कहा है कि उसे ब्याज दर का फैसला करना है, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित होना चाहिए कि कोष को किसी तरह का नुकसान न हो.
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय लगातार कह रहे थे कि ईपीएफओ के अंशधारकों को वर्ष 2016-17 के लिए 8.65 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा. आमतौर पर न्यासी बोर्ड द्वारा ब्याज दर पर जो फैसला लिया जाता है उस पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी लेने की जरूरत होती है.
वित्त मंत्रालय मंजूरी देते समय यह देखता है कि क्या ईपीएफओ न्यासियों द्वारा मंजूर दर अपनी आय से देने में सक्षम है या नहीं. वित्त मंत्रालय द्वारा सीबीटी द्वारा मंजूर दर को अनुमोदित करने के बाद संबंधित वित्त वर्ष के लिए इसे ईपीएफओ सदस्यों के खाते में डाल दिया जाएगा.
वित्त मंत्रालय ने वर्ष 2016 में सीबीटी द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए मंजूर 8.8 प्रतिशत की ब्याज दर को घटाकर 8.7 प्रतिशत करने का फैसला किया था, जिसकी काफी आलोचना हुई थी. उसके बाद सरकार ने इसे फिर 8.8 प्रतिशत कर दिया था.

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