शिपिंग मंत्रालय ने हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स (राष्ट्रीय जलमार्ग -1) से पांडु, गुवाहाटी (राष्ट्रीय जलमार्ग -2) तक जलमार्ग पर जाने के लिए एक लैंडमार्क कंटेनर कार्गो खेप को हरी झंडी दिखाई. मंत्रालय ने पेट्रोरसायन, खाद्य तेल और पेय पदार्थ आदि के 53 टीईयू (कंटेनर) लेकर चलने वाले अंतर्देशीय पोत एमवी माहेश्वरी को हरी झंडी दिखाई.
यह समुद्री यात्रा 12-15 दिनों की राष्ट्रीय जलमार्ग -1 (गंगा नदी), राष्ट्रीय जलमार्ग-97 (सुंदरबन), भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल (आईबीपी) मार्ग तथा राष्ट्रीय जलमार्ग-2 (ब्रह्मपुत्र नदी) के बरास्ते एक एकीकृत आईडब्ल्यूटी आवाजाही होगी.
इससे होने वाले लाभ
• इस अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) मार्ग पर यह पहला कंटेनरीकृत कार्गो आवाजाही है. जलमार्गों के द्वारा कच्चे माल से लेकर तैयार अंतिम उत्पादों की ढुलाई कम खर्चीला है क्योंकि नदियां, नहरें तथा समुद्र में उपलब्ध पानी की गहराई प्राकृतिक है.
• इस 1425 किलोमीटर लंबी आवाजाही से इन विविध जलमार्गों का उपयोग करके आईडब्ल्यूटी मोड की तकनीकी और वाणिज्यिक व्यवहार्यता स्थापित किये जाने की उम्मीद है.
• इस नवीनतम आईडब्ल्यूटी आवाजाही का मुख्य उद्देश्य कच्चे माल और तैयार माल के परिवहन हेतु एक वैकल्पिक मार्ग खोलने के द्वारा उत्तर पूर्व क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा प्रदान करना है.
राष्ट्रीय जलमार्ग -2
राष्ट्रीय जलमार्ग -2 असम के सदिया-धुबरी क्षेत्रों के बीच स्थित है. भारत में, 111 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के अनुसार राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है. इसके नौ अस्थायी टर्मिनल- डिब्रूगढ़, साखोवा, जोगीगोपा, धुबरी पोर्ट, सिलघाट, जामुगुरी, बोगीबिल, तेजपुर और सदिया हैं. राष्ट्रीय जलमार्ग -2 में पांडु बंदरगाह सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाह है. राष्ट्रीय जलमार्ग-2 ब्रहमपुत्र नदी पर 891 किलोमीटर लंबा सदिया और धुबरी के बीच है.
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भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल (IBP) क्या है?
भारत और बांग्लादेश के बीच एक अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार समझौता मौजूद है. इस समझौता के तहत एक देश के अंतर्देशीय जलयान दूसरे देश के विनिर्दिष्ट मार्गों से पारगमन कर सकते हैं. हाल के दिनों में भारत और बांग्लादेश ने जलमार्गों के उपयोग को बढ़ाने हेतु बड़े कदम उठाए हैं. इनमें भारत में कोलाघाट में पीआईडब्ल्यूटी एंड टी, धुलियान, माया, सोनमुरा और बांग्लादेश में चिलमारी, राजशाही, सुल्तानगंज, दौखंडी में अतिरिक्त पोर्ट ऑफ कॉल की घोषणा पर समझौता शामिल है.
बांग्लादेश में चटगांव और मोंगला बंदरगाहों के जरिये भारत से माल की आवाजाही को सुगम बनाने हेतु एक एसओपी पर दोनों देशों द्वारा 5 अक्टूबर 2019 को हस्ताक्षर किए गए हैं. इन दोनों बंदरगाहों की निकटता से संभारतंत्र लागत में कमी आयेगी तथा उत्तर पूर्व राज्यों की व्यापार प्रतिस्पर्धा में भी सुधार होगा.
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