पांच देशों ने 02 जनवरी 2019 से अस्थायी सदस्य के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को निभाना शुरू कर दिया है. इन देशों में बेल्जियम, डोमिनिकन गणराज्य, जर्मनी, इंडोनेशिया तथा दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.
ये पांचों देश दो वर्ष के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य बने हैं, जबकि इथोपिया, कजाखस्तान, नीदरलैंड्स और स्वीडन इससे बाहर हुए हैं. उल्लेखनीय है कि सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र ऐसी संस्था है जिसके पास फैसलों को लेने, प्रतिबंध लगाने और बल प्रयोग के लिए अधिकृत करने की शक्ति है.
सुरक्षा परिषद के 5 नवनिर्वाचित अस्थायी सदस्य देश |
बेल्जियम, डोमिनिकन गणराज्य, जर्मनी, इंडोनेशिया तथा दक्षिण अफ्रीका ने अस्थायी सदस्य के तौर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता प्राप्त की. |
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
• सुरक्षा परिषद में ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस तथा अमेरिका स्थायी सदस्य हैं तथा दस अस्थायी सदस्यों का चयन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दो वर्ष के लिए किया जाता है.
• इन देशों की सदस्यता दूसरे विश्व युद्ध के बाद के शक्ति संतुलन को प्रदर्शित करती है, जब सुरक्षा परिषद का गठन किया गया था.
• इन विशेषाधिकार प्राप्त देशों के अलावा 10 अन्य देशों को दो साल के लिए अस्थायी सदस्य के रुप में सुरक्षा परिषद में शामिल किया जाता है.
• स्थायी और अस्थायी सदस्य बारी-बारी से एक महीने के लिए परिषद के अध्यक्ष बनाए जाते हैं.
• अस्थायी सदस्यों को सभी सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था संयुक्त राष्ट्र महासभा चुनती है.
• अस्थायी सदस्य देशों को चुनने का उदेश्य सुरक्षा परिषद में क्षेत्रीय संतुलन क़ायम करना है. इसमें पाँच सदस्य एशियाई या अफ़्रीकी देशों से, दो दक्षिण अमरीकी देशों से, एक पूर्वी यूरोप से और दो पश्चिमी यूरोप या अन्य क्षेत्रों से चुने जाते हैं.
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