पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के स्पॉट फिक्सिंग ट्रिब्यूनल ने 30 अगस्त 2017 को सलामी बल्लेबाज शर्जील खान पर पांच वर्ष का प्रतिबंध लगाया है. सलामी बल्लेबाज शर्जील खान पर दुबई में खेले गए क्रिकेट मैच में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप थे. लाहौर हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की प्रमुखता में बनी समिति ने इस मामले में निर्णय दिया.
पाकिस्तान की एंटी-करप्शन ट्राइब्यूनल जांच समिति के अनुसार शर्जील खान पीएसएल- 2017 के दौरान दुबई में खेले गए इस्लामाबाद यूनाइटेड और पेशावर जाल्मी के मध्य मैच में स्पॉट फिक्सिंग के दोषी पाए गए. पाकिस्तानी बल्लेबाज शर्जील खान के विरुद्ध 18 फरवरी 2017 को चार्जशीट दाखिल की गई.
जांच समिति द्वारा जारी संक्षिप्त आदेश के अनुसार, शर्जील पर यह प्रतिबंध दो चरणों में लागू किया जाएगा, इसकी अवधी पांच वर्ष होगी. क्रिकेटर शर्जील खान को अगले ढाई साल तक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
इसके बाद के वर्षों में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी क्रिकेटर शर्जील खान पर नजर रखेंगे. यह प्रतिबंध इस साल 10 फरवरी 2017 से प्रभावी है.
पाकिस्तान सुपर लीग के दूसरे सीजन में स्पॉट फिक्सिंग मामले में शर्जील खान के अलावा और खालिद लतीफ का भी नाम सम्मिलित था. इन दोनों खिलाड़ियों को फरवरी में पीएसएल के दूसरे दिन दुबई से स्वदेश भेज दिया गया. दूसरे आरोपी खिलाड़ी खालिद लतीफ पर अभी फैसला नहीं आया है.
शर्जील खान के बारे में-
28 वर्षीय शर्जील खान ने पाकिस्तान की ओर से आखिरी बार 26 जनवरी 2017 को वनडे खेला था. शर्जील ने एक टेस्ट के अलावा 25 वनडे और 15 टी-20 इंटरनेशनल में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया.
निर्णय के बारे में-
सुनवाई के दौरान क्रिकेटर शर्जील ने आरोपों से इनकार किया, कि उन्होंने पीएसएल में फिक्सिंग की वजह से गेंदों को खाली छोड़ दिया. शर्जील के वकील ने पूर्व टेस्ट बल्लेबाज डीन जोंस, मोहम्मद यूसुफ और सादिक मोहम्मद को गवाह के तौर पर पेश किया. इन्होंने बताया कि जो गेंदें शर्जील ने छोड़ दी, वह मुश्किल गेंदें थीं. इनकी गवाही से काफी हद तक शर्जील फैसले को अपने पक्ष में करने में सफल रहे. इससे प्रतिबन्ध की अवधी कम हो गई.
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