G4 Swine Flu: China में मिला स्वाइन फ्लू का घातक वायरस, फैला सकता है महामारी

Jul 2, 2020, 13:42 IST

चीन के वैज्ञानिकों को स्थानीय सुअरों में एक नया वायरस मिला है. ये वायरस इंसानों में फैल सकता है. चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि ये वायरस भी जानलेवा महामारी बन सकता है.

Flu virus with pandemic potential found in China in Hindi
Flu virus with pandemic potential found in China in Hindi

चीन से फैला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मच रहा है. इस जानलेवा वायरस की चेपट में एक करोड़ से ज्यादा लोग आ चुके हैं. चीन के वैज्ञनिकों ने एक नए फ्लू वायरस का पता लगाया है, जिसमें महामारी का रूप लेने की क्षमता है. चीन के वैज्ञानिकों को स्थानीय सुअरों में एक नया वायरस मिला है. ये वायरस इंसानों में फैल सकता है. चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि ये वायरस भी जानलेवा महामारी बन सकता है.

शोधकर्ताओं को इस दौरान चीन में एक नया स्वाइन फ्लू (Swine Flu G4) मिला है जो H1N1 स्वाइन फ्लू का अनुवांशिक वंशज है. नए स्वाइन फ्लू का नाम नए स्वाइन फ्लू का नाम जी4 (G4) है. ये पहले से भी ज्यादा घातक है. ऐसे में अगर ये कोरोना महामारी (कोविड-19) के संपर्क में आता है तो इसके और अधिक बढ़ने की आशंका होगी.

यह फैला तो रोकना मुश्किल होगा

कोरोना वायरस से पहले दुनिया में अंतिम बार फ्लू महामारी साल 2009 में आई थी और उस समय इसे स्‍वाइन फ्लू कहा गया था. मैक्सिको से शुरू हुआ स्‍वाइन फ्लू उतना घातक नहीं था, जितना कि अनुमान लगाया गया था. इस बार कोरोना वायरस के कारण एक करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हैं. ऐसी स्थिति में अगर नया वायरस फैलता है, तो इसे रोकना बहुत मुश्किल होगा.

इंसानों को बुरी तरह संक्रमित करने की क्षमता

नैशनल अकैडमी ऑफ सांइसेज़ में छपे इस शोध के अनुसार, फ्लू के इस नए स्ट्रेन में इंसानों को बुरी तरह संक्रमित करने की क्षमता है. शुरुआती शोध में मिली जानकारी के अनुसार, ये स्ट्रेन सुअरों में पाया जाता है, लेकिन ये इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है.

वैज्ञानिकों के अनुसार इस वायरस में वे सभी लक्षण हैं जो बताते हैं कि ये इंसानों को संक्रमित कर सकता है. इसीलिए इस वायरस पर नज़र रखना बेहद ज़रूरी है. साथ ही क्योंकि ये एक वायरस नया है, इसीलिए लोगों में इसके प्रति कम या बिलकुल रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं होगी.

वायरस अपना स्वरूप बदल सकता है

शोधकर्ता इस बात को लेकर बड़ी चिंती में हैं कि ये वायरस अपना स्वरूप बदल सकता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बेहद आसानी से फैल सकता है और कोरोना वायरस की तरह एक महामारी का रूप भी ले सकता है.

चीन के वैज्ञानिकों द्वारा अध्ययन

चीन के वैज्ञानिकों ने इसे खोजने के लिए साल 2011 से 2018 तक रिसर्च किया है. इस दौरान इन वैज्ञानिकों ने चीन के 10 राज्यों से 30 हजार सुअरों के नाक से स्वैब इकट्ठा किया. इस स्वैब की जांच की गई है. इस जाच में पता चला है कि चीन में 179 तरह के स्वाइन फ्लू हैं. इन सभी में से जी4 को अलग किया गया. ज्यादातर सुअरों में जी4 (G4) स्वाइन फ्लू पाया गया है जो साल 2016 के बाद से सुअरों में पनप रहा है. इसके बाद वैज्ञानिकों ने जी4 (G4) पर शोध शुरू किया.

जी-4 वायरस

जी-4 बहुत ज्यादा संक्रामक वायरस है. यह मानव कोशिकाओं में प्रतिकृति और अन्य वायरस की तुलना में अधिक गंभीर लक्षण पैदा करता है. परीक्षणों से यह भी पता चला है कि मौसमी फ्लू के संपर्क में आने से मनुष्य की प्रतिरक्षा उसे जी-4 से सुरक्षा प्रदान नहीं करता है. रक्त परीक्षणों के अनुसार, वायरस के संपर्क में आने के बाद संक्रमितों के शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी में से 10.4 प्रतिशत पहले से ही संक्रमित पाए गए थे. शोधकर्ताओं ने लिखा कि यह चिंता का विषय है कि जी-4 वायरस का मानव संक्रमण अनुकूलन इसे आगे और महामारी के जोखिम को बढ़ाएगा.

खांसी-बुखार मुख्य लक्षण

नेवले में हुए प्रयोग के आधार पर वैज्ञानिक मान रहे हैं कि इस वायरस के मुख्य लक्षण बुखार, छींक, खांसी और जोर-जोर से सांस लेना हैं.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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