एक ऐतिहासिक पहल में, नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने आर्टेमिस नामक एक अंतर्राष्ट्रीय स्पेसफ्लाइट कार्यक्रम के एक हिस्से के तौर पर चंद्रमा पर एक अश्वेत व्यक्ति को उतारने का फैसला किया है.
बिडेन-हैरिस प्रशासन का लक्ष्य वर्ष, 2024 तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहली महिला और अगले आदमी को उतारना है. यह व्यक्ति चंद्रमा की सतह पर पैर रखने वाला पहला अश्वेत व्यक्ति होगा.
मुख्य विवरण
• आर्टेमिस कार्यक्रम के अंतरिक्ष यात्रियों का पहला कैडर दिसंबर, 2020 में घोषित किया गया था. हालांकि अभी वर्ष, 2024 आर्टेमिस III अंतरिक्ष मिशन के पहले दो चालक दलों के सदस्यों (पुरुष और महिला) की घोषणा की जानी बाकी है.
• अंतरिक्ष यात्रियों के प्रारंभिक समूह में, जो व्यक्ति आर्टेमिस कार्यक्रम का एक हिस्सा हैं, अंतरिक्ष यात्रियों की 18 बहुत विविध टीमें शामिल हैं, जिसमें दोनों दिग्गज और नए सदस्य भी शामिल हैं.
• यह भारत के लिए गौरवपूर्ण तथ्य है कि, भारतीय अमेरिकी राजा चारी आर्टेमिस अंतरिक्ष यात्रियों के प्रारंभिक समूह का एक हिस्सा है.
• नासा के चीफ ऑफ स्टाफ, भारतीय-अमेरिकी भाव्य लाल ने कहा, "ये मानव जाति के लिए निष्पक्षता बढ़ाने के ऐतिहासिक क्षण हैं."
आर्टेमिस कार्यक्रम के लक्ष्य
• आर्टेमिस कार्यक्रम का दीर्घकालिक लक्ष्य मंगल ग्रह पर भेजने से पहले अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजना है.
• ये अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की खोज करेंगे, जो पहले कभी मानव द्वारा नहीं देखा गया है.
• इसलिए, वे अपोलो कार्यक्रम की विरासत को आगे बढ़ाएंगे और इसे एक नई सदी में ले जाएंगे.
• इस कार्यक्रम के लिए प्रस्तावित खर्च में इस साल 06 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की उम्मीद है.
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