भारत की पहली 2जी (सेकेंड जनरेशन) एथेनॉल बायो रिफाइनरी का 25 दिसंबर 2016 को बठिंडा में शिलान्यास किया गया. यह पंजाब स्थित बठिंडा के तलवंडी साबो तहसील के गांव तरखानवाला में बनाई जा रही है.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल, राज्य मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पंजाब के उप मुख्यमंत्री सरदार सुखबीर सिंह बादल ने इसका संयुक्त रूप से शिलान्यास किया.
इस एथेनॉल बायो रिफाइनरी की अनुमानित लगत 600 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इस परियोजना की स्थापना हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा की गयी.
परियोजना के मुख्य बिंदु
• इस सार्वजनिक उपक्रम से मालवा क्षेत्र के 20 लाख किसानों को लाभ होगा.
• बठिंडा में प्रत्येक वर्ष तीन लाख किसान पराली बेचकर 20 करोड़ से अधिक कमाई करेंगे जबकि पूरे मालवा में 300 करोड़ रुपए का लाभ किसानों को मिल सकेगा.
• इससे पर्यावरण को भी लाभ होगा क्योंकि लोगों को धान की फसल के बाद पराली जलाने से होने वाले धुएं के प्रदूषण से राहत मिलेगी.
• सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कम्पनियों तथा भारत सरकार की ओर से देश भर में इस प्रकार की 12 एथेनॉल रिफाइनरी 11 राज्यों में स्थापित की जायेंगी.
• पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, असम, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक में 12 जैव रिफाइनरियों के लिए अनुमानित निवेश 10,000 रुपये करोड़ निर्धारित किया गया है.
• पेट्रोल में मिलाने के लिए 10 प्रतिशत एथेनॉल इस रिफाइनरी में तैयार किया जाएगा.

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