भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने 17 अगस्त 2018 को खाद्य लेबलिंग मानदंडों की समीक्षा के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की हैं.
इस समिति का नेतृत्व राष्ट्रीय पोषण संस्थान के पूर्व निदेशक बी. सेसिकरण द्वारा किया जायेगा. इस समिति के अन्य सदस्य राष्ट्रीय पोषण संस्थान की वर्तमान निदेशक हेमलता तथा एम्स के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट निखिल टंडन हैं.
समीक्षा से संबंधित मुख्य तथ्य:
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक ने अप्रैल 2018 में खाद्य सुरक्षा व मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) विनियम 2018 का मसौदा जारी किया था.
इस ड्राफ्ट में वसा, शुगर तथा नमक युक्त खाद्य पदार्थों की पैकिंग पर लाल लेबलिंग का सुझाव दिया गया था.
इसका उद्देश्य ग्राहकों को स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह उत्पादों के बारे में पता चल सके. हालांकि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस ड्राफ्ट की रेगुलेशन पर फिलहाल रोक लगायी है.
उद्योगों द्वारा इस ड्राफ्ट पर आपत्ति व्यक्ति की गयी थी. इस मामले को सुलझाने के लिए समिति का गठन किया गया है.
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई):
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की स्थापना खाद्य सुरक्षा तथा मानक अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत किया गया है. इसका उद्देश्य खाद्य सामग्री के लिये विज्ञान पर आधारित मानकों का निर्माण करना तथा खाद्य पदार्थों के विनिर्माण, भण्डारण, वितरण, विक्री तथा आयात आदि को नियन्त्रित करना है ताकि मानव-उपभोग के लिये सुरक्षित तथा सम्पूर्ण आहार की उपलब्धि सुनिश्चित की जा सके.
एफएसएसएआई का मुख्यालय दिल्ली में हैं. वहीं इसके अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है. इसके अध्यक्ष भारत सरकार के सचिव रैंक के होते हैं.
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