G-20 Summit: इटली के रोम में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) का समापन हो गया है. अगला जी20 शिखर सम्मेलन अगले साल 2022 में इंडोनेशिया में आयोजित होगा. इसके बाद साल 2023 में भारत इसकी मेजबानी करेगा और फिर साल 2024 में ब्राजील के हाथों में जी20 शिखर सम्मेलन की कमान होगी.
भारत में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान में होगा. इसके लिए प्रगति मैदान को नए सिरे से विकसित किया जा रहा है. ऐसा पहली बार होगा जब भारत जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2014 से जी20 में भारत का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं.
जी-20 के शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन
दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के समूह जी-20 के शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन 31 अक्टूबर 2021 को नेताओं ने कहा भारत सहित जी-20 देश जलवायु परिवर्तन के तत्काल खतरे से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जी-20 नेताओं ने कहा कि वे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने, जलवायु अनुकूलन और वित्त पोषण को बढ़ाएंगे.
नेट जीरो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन: एक नजर में
सम्मेलन में जी-20 देशों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए गरीब देशों की सहायता करने को लेकर सालाना 100 अरब डॉलर जुटाने के अमीर देशों के पुराने वादों को दोहराया और उन्हें जलवायु अनुकूलन में मदद के लिए वित्त बढ़ाने का वादा किया. सम्मेलन में सदी के लगभग मध्य तक 'नेट जीरो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन' या 'कार्बन न्यूट्रेलिटी' की प्रासंगिकता को स्वीकार किया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी समेत जी-20 के नेताओं ने सहमति जताई है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को कोरोना टीकों की आपातकालीन उपयोग मंजूरी को लेकर प्रक्रिया को तेज करने के लिए मजबूत किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विश्व को बताया कि अगले साल हमारा लक्ष्य 500 करोड़ वैक्सीन बनाने का है. भारत ने किफायती वैक्सीन दुनिया को दी हैं जिसका इस्तेमाल कम आमदनी वाले देश भी कर सकेंगे. जी-20 सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में शामिल होने के लिए ग्लासगो गए हैं.
महामारी से निपटने हेतु टीकाकरण ही एकमात्र उपाय
सम्मेलन में महामारी के खिलाफ वैक्सीन को सबसे महत्वपूर्ण बताया और कहा गया कि इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है. सम्मेलन में जी-20 देशों ने 2021 के अंत तक कम से कम 40 प्रतिशत और 2022 के मध्य तक 70 प्रतिशत आबादी की टीकाकरण के वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों पर सहमति जताई.
जी20 में ये देश हैं शामिल
जी20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं. भारत 1999 में जी20 के गठन से ही इसका सदस्य है.
कार्बन उत्सर्जन के बढ़ते खतरों के बीच
कार्बन उत्सर्जन के बढ़ते खतरों के बीच विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था वाले जी 20 देशों के नेताओं ने ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक नियंत्रित रखने के लिए ‘सार्थक और प्रभावी’ कदम उठाने पर सहमति जताई. जी 20 सम्मेलन का मेजबान इटली कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लए इस पर कोई ठोस लक्ष्य तय होते हुए देखना चाहता था और गरीब देशों को बढ़ते तापमान के प्रभाव से बचाने में सहायता करना चाहता था. लेकिन इसके लिए निश्चित समय सीमा नहीं बताई गई.
शेरपा क्या होता है?
'शेरपा' जी-20 के सदस्य देशों के नेताओं का प्रतिनिधि होता है. यह शिखर सम्मेलन के एजेंडे के बीच समन्वय बनाता है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह निर्णय लिया गया कि डब्ल्यूएचओ द्वारा सुरक्षित और प्रभावी समझे जाने वाले कोरोना रोधी टीकों की मान्यता को देशों के राष्ट्रीय और गोपनीयता कानूनों के अधीन पारस्परिक रूप से स्वीकार किया जाएगा.
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