मिशन गगनयान: रूस में प्रशिक्षण हेतु 12 संभावित यात्रियों को चुना गया

Nov 15, 2019, 10:44 IST

गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है. अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा. इस मिशन पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे.

ISRO Gaganyaan
ISRO Gaganyaan

गगनयान मिशन: भारत के अंतरिक्ष में पहले मानव मिशन ‘गगनयान’ हेतु 12 संभावित चालक दल के यात्रियों को चुना गया है. भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने 14 नवंबर 2019 को कहा कि इसरो के पहले मानव मिशन गगनयान हेतु अंतरिक्ष यात्रियों का चुनाव पेशेवर तरीके से किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गगनयान को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने हेतु काम कर रहा है.

भारतीय वायुसेना सेना (IAF) टीम इसरो के साथ समन्वय कर रही है तथा अंतरिक्ष यान के डिजाइन के पहलुओं को देख रही है जैसे कि जीवन रक्षक प्रणाली, कैप्सूल का डिजाइन, साथ ही विमानन चिकित्सा प्रकोष्ठ यह सुनिश्चित कर रहा है कि इसरो चुनौती का सफलतापूर्वक सामना कर सफलता प्राप्त करे.

रूस में प्रशिक्षण

भारतीय वायु सेना के बारह लोगों को गगनयान परियोजना के लिए संभावित यात्री के रूप में चुना गया है. इनमें से सात प्रशिक्षण हेतु रूस गए हैं. रूस गए सात संभावित अंतरिक्ष यात्रियों के वापस आने के बाद चुने गए शेष संभावित यात्रियों को प्रशिक्षण हेतु भेजा जाएगा.

चयन प्रक्रिया का पहला चरण पूरा

अंतरिक्ष यात्रा के लिए वायु सेना के कर्मियों के चयन की प्रक्रिया का पहला चरण पूरा हो चुका है. चयनित लोगों को रूस में प्रशिक्षित किया जाएगा. पूरी प्रक्रिया तय कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है. इसरो ने गगनयान के प्रक्षेपण के लिए दिसंबर 2022 तक की समयसीमा की घोषणा की है. भारत अपने स्वदेशी मिशन के माध्यम से पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा. अंतरिक्ष जाने वाला यात्री का आयु 41 साल तक का हो सकता है.

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गगनयान क्या है?

• गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है. इसरो इस मिशन में पहली बार तीन भारतीयों को सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजेगा.

• भारत के अंतरिक्ष मिशन गगनयान हेतु ‘अंतरिक्ष यात्री चयन’ का पहला चरण पूरा हो गया है.

• यह प्रक्रिया भारतीय वायु सेना द्वारा एयरस्पेस मेडिसिन संस्थान में की जा रही है.

• इस मिशन पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. मिशन गगनयान के तहत 2022 तक भारत किसी भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजेगा और फिर सकुशल वापस लाएगा. 

• राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री थे. उन्होंने 02 अप्रैल, 1984 को सोयूज टी-11 (रूस) के माध्यम से अंतरिक्ष की यात्रा की. राकेश शर्मा भारतीय वायु सेना के पायलट भी थे.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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