ग्रीन हाउस इफेक्ट पर महत्वपूर्ण खोज करने वाली साइंटिस्ट यूनिस न्यूटन फूट (Eunice Newton Foote) के 204वीं जयंती पर Google ने अपने Doodle के माध्यम से उन्हें याद किया. यूनिस एक महिला अधिकार कार्यकर्ता के रूप में भी कार्य किया था.
ग्रीन हाउस प्रभाव पर उन्होंने सर्वप्रथम महत्वपूर्ण खोज की और उसके प्रभावों के बारें में बताया था. साथ ही उन्होंने पृथ्वी की जलवायु के गर्म होने में ग्रीनहाउस गैसों की क्या भूमिका होती है इस पर भी उन्होंने प्रकाश डाला था.
Today's #GoogleDoodle celebrates American scientist and women's rights activist, Eunice Newton Foote.
— Google Doodles (@GoogleDoodles) July 17, 2023
Swipe through the slideshow to learn about how her scientific discovery laid the foundation for how we understand climate change today —> https://t.co/4A00LwELbI pic.twitter.com/A9lc9eSLUo
कौन थी यूनिस न्यूटन फूट?
यूनिस न्यूटन फूट का जन्म 1819 में कनेक्टिकट में हुआ था. उनकी प्राथमिक शिक्षा ट्रॉय फीमेल सेमिनरी नामक स्कूल में संपन्न हुई. यह स्कूल छात्रों को साइंस लेक्चर अटेंड करने और रसायन विज्ञान प्रयोगशालाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता था. जिसके बाद उनकी रूचि साइंस में बढ़ी.
उन्होंने अपने जीवनकाल में महिलाओं से जुड़े मुद्दों और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाती रहती थी. इसी कड़ी में उन्होंने सिनेसा फॉल्स में 1848 में पहला विमेन राइट्स कन्वेंशन अटेंड किया था.
ग्रीन हाउस इफेक्ट पर अहम खोज की:
न्यूटन फूट ने 1856 में एक प्रयोग किया, जो जलवायु परिवर्तन पर मानव समझ को नया आकार दिया. इसके तहत उन्होंने विभिन्न गैसों को सिलेंडरों में रखने और उनका अवलोकन करने के लिए उन्हें सूर्य के प्रकाश में रखना शुरू किया.
इन प्रयोगों के बाद उन्होंने देखा कि कार्बन डाइऑक्साइड अन्य गैसों की तुलना में अधिक गर्म हो रही थी. अपने प्रयोग के दौरान उन्होंने ग्लास सिलेंडर के अंदर पारा थर्मोमीटर रख कर ताप का अध्ययन किया था. इसके बाद वह इस निष्कर्ष पर पहुंची कि कार्बन डाइऑक्साइड अकेले पृथ्वी के ताप को बदलने की क्षमता रखती.
अपने इस एतिहासिक प्रयोग से वह कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर और वायुमंडल के गर्म होने के बीच संबंध की खोज करने वाली पहली वैज्ञानिक बन गईं थी.
कैसा था उनका दूसरा प्रयोग:
एटमोस्फियरिक स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी (Atmospheric static electricity) पर उनका दूसरा अध्ययन जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस में प्रकाशित किया गया था. इसके साथ ही वह संयुक्त राज्य अमेरिका में दो भौतिकी अध्ययन पेश करने वाली पहली महिला वैज्ञानिक बन गईं थी.
उनके कम की सराहना करने के लिए, अमेरिकन एसोसिएशन फ़ॉर द एडवांसमेंट ऑफ़ साइंस की वार्षिक बैठक में उनके दो अध्ययनों को प्रस्तुत किया गया. जिसके परिणाम स्वरुप 'ग्रीनहाउस प्रभाव' की समझ और अर्थ की खोज की गयी. अपनी वैज्ञानिक दुनिया के अतिरिक्त उन्होंने अपने पूरे जीवन में महिलाओं के अधिकारों के लिए भी कई सराहनीय कार्य किये.
हालाँकि वह अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस (AAAS) की सदस्य नहीं थीं, लेकिन उनके दोनों पेपर संगठन के वार्षिक सम्मेलनों में शामिल किये गए थे. यह 1889 तक किसी अमेरिकी महिला द्वारा लिखे जाने वाले भौतिकी के क्षेत्र के एकमात्र पेपर था.
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