केंद्र सरकार ने आरटीई एक्ट में किया संशोधन

सरकारी स्कूलों में पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों को अब वार्षिक परीक्षा देनी होगी. सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है.

Jan 17, 2019, 11:59 IST
Government amended RTE Act
Government amended RTE Act

केंद्र सरकार ने निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम 2009 में संशोधन किया है.

सरकारी स्कूलों में पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों को अब वार्षिक परीक्षा देनी होगी. सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है.

शिक्षा का अधिकार:

शिक्षा का अधिकार 2009 के माध्यम से तहत वंचित बच्चों को मौलिक शिक्षा देनी है. इसमें फेल या पास करने का प्रावधान नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई पर इसका असर दिखने लगा था. प्राइमरी कक्षाओं में बच्चों का बेस कमजोर हो गया. इस वजह से नौवीं कक्षा में 50 फीसद से ज्यादा बच्चे फेल होने लगे. इसका असर दसवीं कक्षा के परिणाम पर भी पडऩे लगा.

सेक्शन 16 में संशोधन:

राष्ट्रपति ने 10 जनवरी 2019 को आरटीई के संशोधन को मंजूरी दे दी है. सेक्शन 16 में संशोधन किया गया है. इस सेक्शन में क्लॉज (1 व 2) एक जोड़कर कहा गया है प्रत्येक एकेडमिक वर्ष में पांचवीं और आठवीं कक्षा में नियमित रूप से परीक्षा ली जाएगी.

अतिरिक्त कक्षा:

परीक्षा में फेल होने पर बच्चे को एक मौका और दिया जाएगा. दोबारा परीक्षा में बैठने से पहले अतिरिक्त कक्षा लगाकर पढ़ाया जाएगा. वार्षिक परीक्षा का परिणाम घोषित होने के दो माह बाद अनिवार्य रूप से दोबारा परीक्षा में बैठने का अवसर प्रदान किया जाएगा.

मौलिक शिक्षा से वंचित:

आरटीई एक्ट 2009 के लागू होने से पहले देशभर में 6 से 14 वर्ष के 80 लाख बच्चे स्कूल शिक्षा से वंचित थे. इन बच्चों को वर्ष 2015 तक प्राथमिक शिक्षा दिलाने का लक्ष्य रखा गया था.

केंद्रीय सलाहकार कमेटी (कैब):

शिक्षा के सुधार के लिए केंद्रीय सलाहकार कमेटी (कैब) बनाई गई थी. कैब की सब कमेटी के चेयरपर्सन पंजाब के तत्कालीन शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा थे. उन्होंने इसे लेकर अक्टूबर 2016 को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को 189 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी थी. डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने प्रस्ताव रखा था कि बच्चों को फेल न करने की नीति पर विचार बेहद जरूरी है.

निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा विधेयक, 2009

निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा विधेयक, 2009 भारतीय संसद द्वारा वर्ष 2009 में पारित शिक्षा सम्बन्धी एक विधेयक है. इस विधेयक के पास होने से बच्चों को मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा का मौलिक अधिकार मिल गया है.

संविधान के अनुच्छेद 45 में 6से 14 बर्ष तक के बच्चों के लिये अनिवार्य एवं नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गयी है. 86 वें संशोधन द्वारा 21 (क) में प्राथमिक शिक्षा को सब नागरिको का मूलाधिकार बना दिया गया है. यह 01 अप्रैल 2010 को जम्मू -कश्मीर को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में लागु हुआ.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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