केंद्र सरकार ने 30 जनवरी 2019 को रिसर्च फेलोशिप की राशि बढ़ाने की घोषणा की. केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को रिसर्च स्कॉलर्स की संशोधित फेलोशिप राशि संबंधी सूचना जारी कर दी है.
यह बढ़ोतरी एक जनवरी 2019 से लागू होगी. केंद्र सरकार ने भौतिक और रासायनिक विज्ञान सहित विज्ञान और प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणितीय विज्ञान, कृषि विज्ञान, जीव विज्ञान, फार्मेसी आदि किसी भी क्षेत्र में दाखिला लेने वाले पीएचडी छात्रों और अन्य अनुसंधान कर्मियों की फेलोशिप बढ़ाई है.
प्रत्यक्ष रूप से लाभ:
विज्ञान और प्रौद्योगिकी में काम कर रहे पीएचडी विद्वान औद्योगिक प्रतिस्पर्धा, शैक्षणिक जीवंतता और प्रौद्योगिकी नेतृत्व वाले नवाचारों के लिए देश के ज्ञान के आधार में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं. सरकार के इस फैसले से शोध के क्षेत्र में काम कर रहे करीब दो लाख शोधार्थियों को सीधा फायदा मिलेगा.
संशोधित फेलोशिप राशि:
जूनियर रिसर्च फेलोशिप पीएचडी कार्यक्रम में पहले दो वर्षों के लिए वर्तमान दर 25,000 रुपये से बढ़ाकर 31,000 रुपये प्रति माह कर दी गई है. इसी प्रकार पीएचडी सीनियर रिसर्च फेलो 28,000 रुपये की जगह 35,000 रुपये प्रति माह प्राप्त करेंगे. वरिष्ठ अनुसंधान एसोसिएट्स के लिए 54,000 रुपये प्रति माह निर्धारित किए गए हैं. सभी रिसर्च फेलो को केन्द्र सरकार के मानदंडों के अनुसार मकान किराया भत्ता भी मिलेगा.
फेलोशिप की बढ़ी हुई राशि: एक नजर में
फेलोशिप (प्रतिमाह/रुपये में) | वर्तमान राशि (प्रतिमाह/रुपये में) | संशोधित फेलोशिप |
जेआरएफ | 25,000 | 31,000 |
एसआरएफ | 28,000 | 35,000 |
रिसर्च एसोसिएट | 40,000 | 54,000 |
केंद्र सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि यह सशक्तिकरण तंत्र समान रूप से फेलोशिप देने वाले देश के सभी मंत्रालयों, विभागों, एजेंसियों, शैक्षणिक एवं सरकारी अनुसंधान विकास संगठनों पर समान रूप से लागू होगा. सरकार ने पहली बार मजबूत वित्तीय और शैक्षिक प्रोत्साहन की सिफारिश की है, ताकि हमारे रिसर्च फेलो के कार्य प्रदर्शन में बढ़ोतरी हो और उसे मान्यता मिले.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2006, वर्ष 2007 और वर्ष 2010 के बाद वर्ष 2014 में फेलोशिप राशि में बढ़ोतरी की थी. सरकार ने वर्ष 2014 में फेलोशिप राशि में सबसे अधिक 56 फीसदी की बढ़ोतरी की थी.
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