केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 05 सितम्बर 2017 को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के विधायक चिन्नमनेनी रमेश की भारतीय नागरिकता को रद करने के आदेश दिए. रमेश पर गलत सूचना के आधार पर जर्मनी से भारतीय नागरिकता हासिल करने का आरोप है. उन्होंने वर्ष 2009 में भारतीय नागरिकता हासिल की.
रमेश विमुलावाड़ा के बारे में-
रमेश विमुलावाड़ा (करीमनगर) विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव के भतीजे हैं. रमेश के पिता राजेश्वर राव एक अनुभवी कम्युनिस्ट नेता और पांच बार के विधायक थे. वह तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव के रिश्तेदार हैं.
गृह मंत्रालय द्वारा विधायक रमेश की भारतीय नागरिकता रद करने के बाद अपील करने के लिए 30 दिन दिए गए हैं. नागरिकता रद करने के मामले में करीमनगर) विधानसभा क्षेत्र प्रतिनिधि रमेश विमुलावाड़ा के अनुसार आदेश की समीक्षा करने के बाद उन्हें मंत्रालय के सचिव के समक्ष अपील करने के लिए 30 दिन दिए गए.
रमेश विमुलावाड़ा के अनुसार 'मैंने अपनी जर्मन नागरिकता को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए त्याग दिया. जर्मनी और भारत दोनों में दोहरी नागरिकता प्रणाली नहीं है. अगर मेरी भारतीय नागरिकता रद हो जाती है, तो मैं कहां जाऊंगा?'
विधानसभा की सदस्यता हेतु अयोग्य-
गृह मंत्रालय ने रमेश की अपील खारिज कर दी तो उनको विधानसभा के सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. पिछले साल सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद गृह मंत्रालय ने एक जांच बिठाई. सर्वोच्च न्यायालय, हैदराबाद की एक उच्च न्यायालय के पूर्व के आदेश को चुनौती देने वाली रमेश की याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
रमेश का राजनैतिक कैरियर-
रमेश 2009 में तेलुगु देशम पार्टी के टिकट पर वेमुलावाड़ा से चुनाव जीते. वर्ष 2010 में वह टीआरएस में शामिल हो गए और उप चुनाव में फिर से जीत हासिल की. वर्ष 2009 में रमेश से 1,800 मतों से पराजित होने वाले कांग्रेस नेता ए श्रीनिवास ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि जर्मनी की नागरिकता रखने वाले रमेश ने गलत सूचना देकर भारतीय नागरिकता हासिल की.
रमेश ने करीमनगर कलेक्टर के यहां नागरिकता के लिए 31 मार्च, 2008 को दी गई अर्जी में कहा कि वह 22 जनवरी, 2007 से भारत में रह रहे हैं. श्रीनिवास ने इस तथ्य को फर्जी बताया. रमेश ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही. जर्मन महिला से शादी करने वाले रमेश 1976 से जर्मनी में रह रहे हैं, जबकि 1993 को उन्हें वहां की नागरिकता मिली.
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