‘कोविड -19 इनोक्यूलेशन ड्राइव’ के संबंध में, भारत सरकार ने कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. भारत के सभी राज्यों को जारी किए गए इन दिशानिर्देशों के अनुसार, कोविड - वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (Co-WIN) प्रणाली, जो कोरोना वायरस के लिए वास्तविक समय पर टीकाकरण के लिए एक डिजीटल प्लेटफॉर्म है.
केंद्र/ भारत सरकार ने यह कहा है कि देश अन्य कई चुनौतियों का सामना करते हुए भी कोरोना वायरस वैक्सीन प्रशासन के कगार पर खड़ा है. इस टीकाकरण के प्रथम चरण के तहत, भारत सरकार ने देश की लगभग 30 करोड़ आबादी का टीकाकरण करने की योजना बनाई है.
कोरोना टीकाकरण अभियान: मुख्य बिंदु
• कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए जिम्मेदार टीकाकरण टीम में पांच सदस्य शामिल होंगे.
• प्रति दिन 100 लाभार्थियों के लिए प्रत्येक सत्र की योजना बनाई जानी चाहिए. यदि सत्र साइट में पर्याप्त स्थान उपलब्ध है, तो 200 लाभार्थियों को एक सत्र में भी यह टीका लगाया जा सकता है.
• विधान सभा और लोकसभा चुनावों के लिए नवीनतम चुनावी नामावली का उपयोग 50 वर्ष या उससे अधिक आयु की आबादी की पहचान करने के लिए किया जाएगा.
• Co-WIN वेबसाइट पर स्व-पंजीकरण के लिए, चालक लाइसेंस, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पेंशन और पासपोर्ट दस्तावेज सहित 12 फोटो-पहचान दस्तावेजों की आवश्यकता होगी.
टीकाकरण अभियान के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी किये गये दिशानिर्देश
• प्रति दिन प्रत्येक सत्र में 100-200 लोगों को टीका लगाया जाएगा. इसके साथ ही, इस टीकाकरण के लिए एक समय पर, केवल एक लाभार्थी को अनुमति दी जाएगी.
• टीकाकरण के बाद, किसी भी प्रतिकूल स्थिति के लिए 30 मिनट तक ऐसे लाभार्थियों की निगरानी की जानी चाहिए.
• केवल पूर्व-पंजीकृत लाभार्थियों को ही प्राथमिकता के अनुसार, टीकाकरण स्थल पर यह टीका लगाया जाएगा. ऑन-स्पॉट पंजीकरण के लिए कोई प्रावधान नहीं होगा.
• सभी राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा, अपने जिले में एक निर्माता से कोरोना वायरस का टीका आवंटित करने के लिए कहा गया है. यह क्षेत्र में विभिन्न टीकों के मिश्रण से बचने में मदद करेगा.
• वैक्सीन संचालन संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुसार, वैक्सीन वाहक, आइस पैक, या वैक्सीन शीशियों को सीधे सूर्य के प्रकाश में लाने से बचने के लिए सभी उपाय और कदम उठाए जाने चाहिए.
• जब तक लाभार्थी टीकाकरण के लिए केंद्र में नहीं आ जाता है, तब तक वैक्सीन वाहक के अंदर बंद ढक्कन के साथ विलायक द्रव्य और टीके रखे जाने चाहिए.
• वैक्सीन के लेबल पर एक्सपायरी और वैक्सीन की निगरानी की तारीख नहीं हो सकती है, लेकिन यह टीकाकरणकर्ताओं को उनके उपयोग से हतोत्साहित नहीं करे.
• सत्र के अंत में, शेष बची सभी वैक्सीन शीशियों और आइस पैक के साथ वैक्सीन वाहक को वितरण करने वाले कोल्ड चेन पॉइंट को वापस भेजा जाना चाहिए.
टीकाकरण के लिए प्राथमिकता किन्हें दी जाएगी?
• यह वैक्सीन सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थकेयर वर्कर्स और 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को लगाया जाएगा.
• उनका अनुसरण ऐसे लोगों द्वारा किया जाएगा जो 50 वर्ष से कम उम्र के हैं और उन्हें एक से अधिक रोग हैं.
• अंत में, टीका उपलब्धता और रोग महामारी विज्ञान के आधार पर देश की शेष जनसंख्या.
• इसी तरह, 50 वर्ष से अधिक आयु वालों के प्राथमिकता समूह को उन लोगों में विभाजित किया जा सकता है जो 60 वर्ष से अधिक हैं और जिनकी आयु 50-60 वर्ष के बीच है.
वैक्सीन शुरू होने के बाद क्या चुनौतियां होंगी?
• यह सुनिश्चित करने की चुनौती है कि देश के 1.3 बिलियन से अधिक लोग इस टीकाकरण अभियान की प्रगति और इसके लाभों के बारे में समय पर और तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त करें.
• वैक्सीन प्रशासन को प्राथमिकता देने के सरकार के निर्णय के बारे में सार्वजनिक प्रश्न और चिंता.
• लघु परीक्षण के बाद प्रस्तुत किए गए टीकों के बारे में आशंका सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा सकती है.
• टीका प्रभावकारिता के बारे में गलत धारणा, प्रतिकूल घटनाओं का डर, नकारात्मक विवरण और मीडिया और सोशल मीडिया में अफवाहें.
प्रमुख चुनौतियों के बारे में राज्यों को क्या निर्देश दिए गये हैं?
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से सभी चुनौतियों को दूर करने के लिए एक एकीकृत सामाजिक संचालन कार्यनीति और 360 डिग्री व्यापक समर्थन संचार लागू करने के लिए कहा है.
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