केंद्र सरकार ने 08 अक्टूबर 2018 को राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक हितों के मामले में प्रधानमंत्री को सलाह देने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की सहायता के लिए सामरिक नीति समूह-एसपीजी का गठन किया है.
रणनीतिक नीति समूह (एसपीजी) राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की सहायता के साथ ही देश के सुरक्षा मामलों की दीर्घकालिक रणनीतिक समीक्षा समेत दूसरे कार्य करेगा.
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने नई दिल्ली में बताया कि एसपीजी की अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल करेंगे और नीति आयोग के उपाध्यक्ष, मंत्रिमंडल सचिव, तीनों सेनाओं के अध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर, विदेश सचिव, गृह सचिव, वित्त सचिव और रक्षा सचिव इसके सदस्य होंगे.
इनके अलावा रक्षा उत्पादन और आपूर्ति के सचिव, रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और मंत्रिमंडल के सचिव भी इस समूह में शामिल होंगे.
राजस्व विभाग के सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव, अंतरिक्ष विभाग के सचिव, खुफिया ब्यूरो के निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के सचिव भी इस समूह के सदस्य होंगे. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जब भी जरूरत होगी तो दूसरे मंत्रालयों और विभागों के प्रतिनिधियों को भी बैठक में आमंत्रित किया जाएगा.
अजीत डोभाल: |
अजीत कुमार डोभाल, आई.पी.एस. (सेवानिवृत्त), भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं. वे 30 मई 2014 से इस पद पर हैं. डोभाल भारत के पांचवे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं. इससे पहले शिवशंकर मेनन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे. अजित डोभाल का जन्म 1945 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक गढ़वाली परिवार हुआ. उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी की थी. उन्होंने इसके बाद आगरा विश्व विद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आईपीएस की तैयारी में लग गए. अजीत डोभाल वर्ष 1968 में केरल कैडर से आईपीएस में चुने गए थे, वर्ष 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी के चीफ के पद से रिटायर हुए हैं. वे सक्रिय रूप से मिजोरम, पंजाब और कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में शामिल रहे हैं. |
रणनीतिक नीति समूह (एसपीजी):
रणनीतिक नीति समूह (एसपीजी) का गठन अप्रैल 1999 में किया गया था. तब सरकार ने इसका चेयरपर्सन कैबिनेट सेक्रेटरी को नियुक्त किया था. लेकिन सरकार ने 11 सितंबर 2018 को एक फैसले में एसपीजी का प्रमुख कैबिनेट सेक्रेटरी के बजाए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को बनाने का फैसला किया. एसपीजी का गठन बाहरी, आंतरिक और आर्थिक सुरक्षा के मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की मदद के लिए किया गया था. वो एसपीजी की बैठकों का संयोजन करेंगे, जबकि कैबिनेट सचिव फैसलों पर अमल को लेकर विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच समन्वय स्थापित करेंगे.
केंद्र सरकार ने एसपीजी के सदस्यों की संख्या 16 से बढ़ाकर 18 करने का भी फैसला किया है. इसमें 2 अतिरिक्त नए सदस्यों के तौर पर कैबिनेट सेक्रेटरी और नीति आयोग के चेयरमैन को शामिल किया गया है.
एसपीजी के अन्य सदस्य:
एसपीजी के अन्य सदस्यों में आर्मी चीफ, नौसेना अध्यक्ष, वायुसेना अध्यक्ष, RBI गवर्नर, विदेश मंत्रालय के सचिव, गृह सचिव, रक्षा सचिव, वित्त सचिव, रक्षा उत्पादन सचिव, राजस्व सचिव, एटॉमिक एनर्जी सचिव, स्पेस टेक्नोलॉजी से जुड़े व्यक्ति, राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल के सचिव, डिफेंस मिनिस्टरी के विभिन्न वैज्ञानिक सलाहकार और इंटेलीजेंस ब्यूरो के चीफ शामिल होते हैं.
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