केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने 10 दिसंबर 2016 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में सामुदायिक रेडियो सम्बंधित घोषणाएं कीं. इस अवसर पर देश के विभन्न भागों के लिए सामुदायिक रेडियो की बढ़ोतरी के लिए उन्हें सब्सिडी देने की भी घोषणा की गयी.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में सामुदायिक रेडियो आरंभ करने पर 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. साथ ही सामुदायिक रेडियो स्टेशन में विज्ञापन में ऑडियो विजुअल पब्लिसिटी का भी आश्वासन दिया.
इसके अतिरिक्त उत्तर पूर्वी राज्यों में सामुदायिक रेडियो आरंभ करने पर 90 प्रतिशत सब्सिडी देने की घोषणा की गयी. इस योजना का उद्देश्य इस क्षेत्र में सामुदायिक रेडियो तथा अन्य संचार व्यवस्थाओं को बढ़ावा देना है.
केंद्र सरकार की मौजूदा योजनाओं के अनुसार सामुदायिक रेडियो आरंभ करने पर 7.5 लाख की सीमा तक 50 प्रतिशत सी सब्सिडी दी जाती है. इसके अतिरिक्त सरकार उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए जनवरी 2017 से एक पृथक दूरदर्शन चैनल आरंभ किया जायेगा.
भारत में सामुदायिक रेडियो
सामुदायिक रेडियो, रेडियो सेवा का एक प्रकार है जिसमें वाणिज्यिक और सार्वजनिक सेवा के अतिरिक्त एक अन्य मॉडल प्रदान किया जाता है. सामुदायिक रेडियो स्थानीय सामग्री, मनोरंजन तथा विशिष्ट कार्यक्रमों को श्रोताओं तक पहुंचा सकते हैं.
• भारत में सामुदायिक रेडियो की आधारशिला सर्वोच्च न्यायालय ने 1995 में रखी जब उसने अपने एक महत्वपूर्ण फ़ैसले में यह कहा कि 'रेडियो तरंगे लोक सम्पति हैं'.
• भारत सरकार ने 16 नवम्बर 2006 को सामुदायिक रेडियो निशा-निर्देश जारी किये.
• एक गैर-सरकारी संगठन को मिले लाइसेंस से पहला समुदाय आधारित रेडियो स्टेशन 15 अक्टूबर 2008 को उस समय आरंभ हुआ जब आंध्र प्रदेश राज्य के मेडक जिले के पस्तापुर गांव का 'संगम रेडियो' शुरू किया गया.
• भारत में सामुदायिक रेडियो पर समाचार कार्यक्रम प्रतिबंधित हैं लेकिन सरकार ने हाल ही स्पष्ट किया है कि खबर की कुछ श्रेणियों को रेडियो पर प्रसारित करने की अनुमति है जिनमें खेल समाचार और टिप्पणियां, यातायात और मौसम की स्थिति के बारे में जानकारी, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और त्यौहारों के कवरेज, शैक्षिक घटनाओं के बारे में जानकारी, सार्वजनिक बिजली और पानी की आपूर्ति जैसी उपयोगिताओं से संबंधित घोषणाएं, आपदा चेतावनी और स्वास्थ्य सूचना शामिल हैं.
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