केंद्र सरकार ने 02 नवम्बर 2019 को कहा की निर्भया कोष (Nirbhaya Fund) की सहायता से सभी जिलों में मानव तस्करी निरोधी शाखा तथा प्रत्येक पुलिस थाने में महिला सहायता केंद्र की स्थापना की जायेगी. केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इसकी घोषणा की.
स्मृति ईरानी ने कहा कि यह पहल अंतर-सरकारी सहयोग का एक अहम उदाहरण है, जो प्रभावी प्रशासन के लिए अग्रणी है. निर्भया फंड के माध्यम से इस तरह की पहल को सुनिश्चित किया गया है. इस कदम का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के मुद्दों को संबोधित करना है.
महत्व
स्मृति ईरानी ने घोषणा की कि देशभर के पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित की जायेगी. कोष का उपयोग करके सभी जिलों में मानव-तस्करी विरोधी इकाइयों की स्थापना भी की जायेगी. हेल्प डेस्क का मुख्य उद्देश्य व्यथित महिलाओं और लड़कियों को बिना किसी झिझक के पुलिस थानों का रुख करने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना है.
प्रभाव
इस कदम का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करना तथा उनके बीच सुरक्षा की अधिक समझ पैदा करना है. पुलिस थानों में महिला सहायता डेस्क एक जेंडर सेंससिटीव डेस्क होगा जहां महिलाओं की शिकायतों का निपटारा किया जायेगा. यह पहल महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के मुद्दों को दूर करने हेतु एक लंबा रास्ता तय करेगा.
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निर्भया फंड
निर्भया फंड का घोषणा साल 2012 में देश को झकझोर देने वाले निर्भया कांड के बाद केंद्र सरकार द्वारा साल 2013 में किया गया था. यह कोष देश में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा पहल का समर्थन करने के लिए स्थापित किया गया था.
इस फंड के घोषणा का उद्देश्य ये था कि इससे इकट्ठे हुए पैसे से उन एनजीओ की सहायता की जाए जो महिला की सुरक्षा हेतु काम करते हैं. इन यूनिटों को निर्भया फंड के अंतर्गत शुरू किया जा रहा है जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है.
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