केंद्र सरकार ने 22 मई 2020 को विदेश में फंसे कुछ श्रेणी के ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों को भारत आने की अनुमति दे दी है. इनमें पारिवारिक आपातकाल जैसी स्थितियों को वरीयता दी गई है. केंद्र सरकार ने स्वदेश आने के इच्छुक ओसीआई कार्ड धारकों की कुछ श्रेणियों के लिए वीजा और यात्रा प्रतिबंध में ढील देने की बात कही है.
केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार सरकार ने परिवार में आपात स्थिति के चलते भारत आने की इच्छा रखने वाले ओसीआई कार्ड धारकों को यात्रा की अनुमति दी है. भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 180 से ज्यादा देशों में यह वायरस फैल चुका है. दुनियाभर में 49 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. यह आंकड़ा हर रोज बढ़ता जा रहा है.
गृह मंत्रालय का आदेश: एक नजर में
• गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार जिन लोगों को भारत आने की अनुमति दी गई है, उनमें वे ओसीआई कार्ड धारक शामिल हैं, जो परिवार में किसी आपात स्थिति के कारण देश आना चाहते हैं. विदेश में जन्मे भारतीय नागरिकों के उन नाबालिग बच्चों को देश आने की अनुमति दी गई है, जो ओसीआई कार्ड धारक हैं.
• इसके अतिरिक्त उन दंपतियों को भारत आने की इजाजत दी गई है, जिनमें से एक के पास ओसीआई कार्ड है और दूसरा भारतीय नागरिक है तथा उनका भारत में कोई स्थायी निवास है. साथ ही विश्वविद्यालय के उन ओसीआई कार्डधारकों (जो कानूनी रूप से नाबालिग नहीं है) को भी देश आने की इजाजत मिल गई है, जिनके माता-पिता भारतीय नागरिक हैं और भारत में रह रहे हैं.
• गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे ओसीआई कार्ड धारकों की उक्त श्रेणियों के लोगों को वापस लाने के लिए तैनात किए गए किसी विमान, पोत, ट्रेन या किसी भी अन्य वाहन पर यात्रा प्रतिबंध लागू नहीं होंगे.
ऑपरेशन 'वंदे भारत मिशन'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को काबू करने के लिए देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किए जाने की 24 मार्च को घोषणा की थी. यह पहले चरण में 14 अप्रैल तक लागू किया गया था. इसके बाद इस लॉकडाउन को पहले तीन मई, फिर 17 मई और अब 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. केंद्र सरकार फिलहाल एक स्पेशल ऑपरेशन 'वंदे भारत मिशन' चला रही है, जिसके जरिए विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस भारत लाया जा रहा है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation