केंद्र सरकार ने 07 दिसम्बर 2018 को कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया. उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा. वे अरविन्द सुब्रमनियन की जगह लेंगे.
अरविन्द सुब्रमण्यन ने 20 जून 2018 को व्यक्तिगत कारणों से मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद से इस्तीफ़ा दिया था. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम भारत के 17वें मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं.
कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम के बारे में:
• कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम बैंकिंग, कॉर्पोरेट गवर्नेंस तथा आर्थिक नीति में विश्व के अग्रणी विशेषज्ञों में से एक हैं.
• फिलहाल सुब्रमण्यन, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में एसोसिएट प्रोफेसर हैं और सेंटर फॉर एनालिटिकल फाइनेंस के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर हैं.
• कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन शिकागो बूथ से पीएचडी हैं और आईआईटी और आईआईएम के छात्र भी रह चुके हैं.
मुख्य आर्थिक सलाहकार के बारे में: |
मुख्य आर्थिक सलाहकार केंद्र सरकार को विभिन्न आर्थिक मुद्दों पर परामर्श प्रदान करता है. वह वित्त मंत्रालय के अधीन कार्य करता है. देश के पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार जे.जे. अंजरिया थे. वे वर्ष 1956 से वर्ष 1961 के बीच देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे. |
• पूर्व में सेबी के कॉर्पोरेट गवर्नेंस की एक्सपर्ट कमिटी और आरबीआई के लिए बैंकों के गवर्नेंस का काम करने वाली कमिटी का हिस्सा होने के साथ कॉर्पोरेट गवर्नेंस और भारत में बैंकिंग रिफॉर्म्स के लिए उन्हें जाना जाता है. उन्हें इन सब क्षेत्रों में उनकी सेवाओं के कारण इस पद के लिए चुना गया है.
• कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन वैकल्पिक निवेश नीति, प्राथमिक बाजार, माध्यमिक बाजार और रिसर्च पर बनी सेबी की कमिटी का भी हिस्सा रहे हैं.
• एकेडमिक करियर की शुरुआत से पहले सुब्रमण्यन न्यूयॉर्क में जेपी मॉर्गन चेज के साथ कंसल्टेंट के तौर पर काम कर चुके हैं.
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