केंद्र सरकार ने रणनीतिक पेट्रोलियम भंडारण क्षमता 65 लाख टन बढ़ाने के लिए दो स्थानों का चयन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 27 जून 2018 को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया.
सरकार ने 2017-18 के बजट में दो अतिरिक्त भंडारण केंद्र खोलने को मंजूरी दी थी. इसी घोषणा के तहत यह निर्णय लिया गया है.
दो स्थानों का चयन
• देश में रणनीतिक पेट्रोलियम भंडारण के लिए ओडिशा में चांदीखोल तथा कर्नाटक में पदुर को चुना गया है.
• चांदीखोल में 40 लाख अतिरिक्त पेट्रोलियम भंडारण क्षमता विकसित की जायेगी जबकि पदुर भंडारण केंद्र की क्षमता 25 लाख टन होगी.
• सरकार द्वारा बजट बजट भाषण में की गयी घोषणा के अंतर्गत दो अतिरिक्त भंडारण केंद्र खोलने को मंजूरी दी गई थी और इसी के तहत चांदीखोल तथा पदुर में रणनीतिक पेट्रोलियम भंडारण केंद्रों को स्थापित किया जा रहा है.
• दोनों भंडारण केंद्र भूमिगत होंगे. इन दोनों केंद्रो के निर्माण से देश में तेल भंडारण क्षमता अतिरिक्त 12 दिन की हो जायेगी.
भारत में खनिज तेल उत्पादन |
भारत के तीन प्रमुख क्षेत्र ऐसे हैं- जहाँ से खनिज तेल प्राप्त किया जा रहा है. इनमें पहला क्षेत्र उत्तरी-पूर्वी राज्यों असम तथा मेघालय में मौजूद है, जबकि दूसरा महत्तवपूर्ण क्षेत्र गुजरात में खम्भात की खाड़ी का समीपवर्ती क्षेत्र है. मुम्बई तट से लगभग 176 किलोमीटर दूर अरब सागर में स्थित बाम्बे हाई नामक स्थान भी तेल उत्खनन की दृष्टि से बेहद महत्त्वपूर्ण है. |
पृष्ठभूमि
रणनीतिक तेल भंडारण का फैसला सात जून 2004 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने लिया था और उसके बाद 2006 में तेल भंडारण क्षमता बढाने का फैसला किया गया था.
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