केंद्र सरकार ने हाल ही में ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. आपको बता दें कि ये प्रतिबंध 09 फरवरी 2022 से लागू हो गया है. इसका अर्थ ये हुआ कि अब विदेशों से ड्रोन नहीं खरीदे जाएंगे. हालांकि, रिसर्च-डेवलपमेंट, डिफेंस और सुरक्षा के उद्देश्य से ड्रोन का आयात हो सकेगा.
केंद्र सरकार का कहना है कि इससे देश में ही ड्रोन मैनुफैक्चरिंग (Drone Manufacturing) को बढ़ावा मिलेगा. कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के तहत आने वाले डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने ड्रोन के आयात पर पाबंदी लगाने वाला नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
Govt of India bans import of foreign drones to promote Made in India drones
— ANI (@ANI) February 9, 2022
Import of drones for R&D, defence, and security purposes to be allowed
Import of drone components, however, not to require any approvals
ड्रोन का आयात नहीं
नोटिफिकेशन के अनुसार, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, डिफेंस और सुरक्षा के मामलों को छोड़कर बाकी किसी भी मकसद से ड्रोन का आयात नहीं हो सकेगा. इस नोटिफिकेशन में ये भी कहा गया है कि यदि आरएंडडी, डिफेंस और सुरक्षा के उद्देश्य से ड्रोन आयात होगा तो उसके लिए ड्यू क्लियरेंस लेना जरूरी होगा.
ड्रोन इंडस्ट्री को बढ़ावा
हालांकि, यदि कोई ड्रोन कंपोनेंट्स आयात करना चाहता है तो उसके लिए क्लियरेंस की जरूरत नहीं होगी. देश की ड्रोन इंडस्ट्री (Drone Industry) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पिछले साल अगस्त में सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने नियमों में ढील दी थी.
भारत ने पहला ड्रोन कब खरीदा
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, भारत ने साल 1998 में इजरायल से अपना पहला अनआर्म्ड व्हीकल (UAV) यानी ड्रोन खरीदा था. भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ड्रोन इम्पोर्टर है. सबसे ज्यादा ड्रोन आयात करने के मामले में यूके और फ्रांस के बाद भारत तीसरे नंबर पर है.
ड्रोन को लेकर पॉलिसी में बदलाव
पिछले साल ही सरकार ने ड्रोन को लेकर अपनी पॉलिसी में बड़े बदलाव किए थे. नए दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत को आत्मनिर्भर ड्रोन हब बनाने वाली नई ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को बढ़ावा दिया जा रहा है. नई नीति में सर्विस इंडस्ट्री को भी ध्यान में रखा गया है.
इतने नौकरियां आने की उम्मीद
रिपोर्ट के अनुसार, ड्रोन मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री का सेल्स टर्नओवर वित्त वर्ष 2020-21 में 60 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 900 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. अगले तीन वर्ष में ड्रोन मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री में दस हजार से ज्यादा नौकरियां आने की भी उम्मीद है.
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