मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 09 जुलाई 2018 को देश के उत्कृष्ट संस्थानों की सूची जारी की है. इन संस्थानों में 3 सरकारी और 3 निजी संस्थान शामिल हैं.
इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है और यह श्रेणीबद्ध स्वायत्तता से भी काफी आगे है. इससे चयनित संस्थानों को पूर्ण स्वायत्तता सुनिश्चित होगी और उन्हें तेजी से विकसित होने में मदद मिलेगी.
उत्कृष्ट संस्थानों की सूची |
सार्वजनिक क्षेत्र: (i) भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू, कर्नाटक (ii) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई, महाराष्ट्र और (iii) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली. निजी क्षेत्र: (i) जियो इंस्टीट्यूट (रिलायंस फाउंडेशन) पुणे, ग्रीन फील्ड श्रेणी के तहत (ii) बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज, पिलानी, राजस्थान; और (iii) मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, मणिपाल, कर्नाटक. |
संस्थानों को सूचीबद्ध करने की आवश्यकता
• केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में भारत में 800 विश्वविद्यालय हैं, लेकिन इनमें से एक भी टॉप 100 या 200 की विश्व रैंकिंग में शामिल नहीं है.
• इससे इन संस्थानों के स्तर एवं गुणवत्ता को तेजी से बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और साथ ही पाठ्यक्रमों को भी जोड़ा जा सकेगा.
• रैंकिंग को बेहतर करने के लिये टिकाऊ योजना, पूरी आज़ादी और सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को वित्त पोषण की जरूरत होती है, और इससे यह सभी सुविधाएं इस संस्थानों को मिल सकेंगी.
• इन संस्थानों को और अधिक कौशल एवं गुणवत्ता में सुधार के साथ अपने परिचालन स्तर को बढ़ाने के लिए और अधिक अवसर प्राप्त होंगे.
जियो इंस्टीट्यूट विवाद क्या है?
जियो इंस्टीट्यूट के नाम की घोषणा को लेकर कई सवाल खड़े किये जा रहे हैं. दरअसल, यह संस्थान अभी खुला नहीं है और अभी अस्तित्व में नहीं आया है. केंद्र सरकार ने जियो इंस्टीट्यूट को ग्रीनफील्ड श्रेणी के तहत चुना है, जो कि नए संस्थानों के लिए होती है और उनका कोई इतिहास नहीं होता. हालांकि अभी तक जियो इंस्टीट्यूट के कैंपस, पाठ्यक्रम आदि के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है. यह अभी तक एक प्रस्तावित संस्थान है.
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