केंद्र सरकार ने 11-12 अप्रैल को नई दिल्ली में ‘सामाजिक सशक्तिकरण हेतु उत्तरदायी कृत्रिम बुद्धिमत्ता-2020 (रेज 2020) नामक वृहद आयोजन की घोषणा की. सामाजिक सशक्तिकरण, समावेशन और परिवर्तन के लिए अपनी तरह का पहला दो दिवसीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.
शिखर सम्मेलन में स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में स्मार्ट मोबिलिटी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सामाजिक सशक्तिकरण, समावेशण और परिवर्तन हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करने के साथ-साथ एक पाठ्यक्रम की तैयारी के लिए विश्वभर के विशेषज्ञों द्वारा विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा.
उद्देश्य
कृत्रिम बुद्धिमत्ता शिखर सम्मेलन के माध्यम से सामाजिक परिदृश्य को जिम्मेदारी से बदलने के लिए एआई की शक्ति का उपयोग करने हेतु भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करना है. रेज 2020 डिजिटल युग में एआई को नैतिक रूप से विकसित करने तथा व्यवहार में लाने की आवश्यकता के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करने हेतु विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा.
केंद्र सरकार ने भारत में एआई आंदोलन को अग्रणी बनाने के मुख्य उद्देश्य से एआई- स्टार्टअप चैलेंज और इवेंट वेबसाइट की भी शुरूआत की.
पहला कृत्रिम बुद्धिमत्ता शिखर सम्मेलन
• रेज 2020 सरकार द्वारा उद्योग जगत और शिक्षा जगत के साथ साझेदारी में आयोजित किया जाने वाला भारत का पहला कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) शिखर सम्मेलन है. अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा.
• एआई प्रौद्योगिकी एक ऐसा शक्तिशाली उपकरण है है. इसका उपयोग भारतीय संदर्भ में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने हेतु किया जा सकता है, जो विश्व के लिए एआई गंतव्य बन सकता है.
• शिखर सम्मेलन से पहले, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता संरचना के भीतर तालमेल लाने हेतु उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ एक उद्योग परामर्श का आयोजन किया.
यह भी पढ़ें:इसरो 05 मार्च को जियो इमेजिंग सेटेलाइट जीसैट-1 करेगा लॉन्च, जानें इसकी खासियत
रेज 2020 क्या है?
रेज 2020 कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर भारत की दृष्टि और जिम्मेदार एआई के माध्यम से सामाजिक सशक्तिकरण, समावेशण और परिवर्तन हेतु रोडमैप बनाने के उद्देश्य से अपनी तरह की पहली वैश्विक बैठक है. यह आयोजन एक स्टार्टअप चैलेंज-पिचफेस्ट के साथ शुरू होगा.
यह भी पढ़ें:क्रिस्टिना कोच ने रचा इतिहास, लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने का रिकॉर्ड किया कायम
यह भी पढ़ें:भारत ने ‘क्लासिकल स्वाइन फीवर’ को नियंत्रित करने का टीका किया विकसित
Comments
All Comments (0)
Join the conversation