‘मी टू अभियान’ में महिलाओं द्वारा अनेक लोगों पर आरोप लगाये जाने के बाद सरकार ने कार्यस्थलों पर यौन शोषण से निपटने संबंधी कानूनी और संस्थागत ढांचे को मजबूत बनाने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह का गठन किया है.
मंत्री समूह |
गृह मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार मंत्री समूह के अन्य सदस्यों में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को शामिल किया गया है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस मंत्री समूह के अध्यक्ष होंगे. |
मंत्री समूह के कार्य
• मंत्री समूह महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित मौजूदा प्रावधानों की समीक्षा करके इन्हें अधिक मजबूत तथा प्रभावशाली बनाने के लिए तीन महीने के भीतर अपनी सिफारिशें देगा.
• मंत्री समूह कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न से संबंधित मुद्दों का समाधान करने के लिए मौजूदा कानूनों के प्रभावशाली क्रियान्वयन के लिए जरूरी कदम उठाने के बारे में सिफारिश करेगा.
• अभी महिलाओं की शिकायतों के समाधान के लिए कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न (बचाव, निषेध और निवारण) अधिनियम प्रमुख कानून है. इसकी समीक्षा की जाएगी तथा आवश्यक कदम उठाये जायेंगे.
अन्य घोषणाएं
• महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक इलेक्ट्रानिक शिकायत बॉक्स (शी बॉक्स) बनाया है जिसमें महिलाएं कार्यस्थल पर यौन शोषण के बारे में अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं.
• इस शिकायत को तुरंत संबंधित विभाग को भेजा जाता है जिससे कि इस पर जरूरी कार्रवाई की जा सके.
• इस शिकायत पर सुनवाई की नियमित निगरानी की भी व्यवस्था की गयी है.
मी टू अभियान क्या है? |
मी टू आंदोलन (#MeToo) यौन उत्पीड़न और हमले के खिलाफ एक अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन है. अक्तूबर, 2017 में हॉलीवुड के बड़े निर्माताओं में शामिल हार्वी वाइनस्टीन पर कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न और बलात्कार के आरोप लगाए थे और वाइनस्टीन पर आरोप लगने के बाद दुनिया भर में #Me Too आंदोलन की शुरुआत हुई थी जिसमें यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी हुए थे. मी टू (#MeTooIndia) को हाल ही में भारत में लॉन्च किया गया है. |
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