जीएसटी परिषद (GST Council) ने 27 जुलाई 2019 को इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर (Tax) की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला लिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यह बैठक हुई. यह फैसला 01 अगस्त से लागू होगा. जीएसटी काउंसिल की यह 36वीं बैठक है.
जीएसटी परिषद ने स्थानीय अधिकारियों द्वारा इलेक्ट्रिक बसें किराये पर लेने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) छूट देने की भी मंजूरी दी. केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए इस पर लगने वाले जीएसटी को कम किया है.
सरकार का उद्देश्य है कि साल 2025 तक देश में 30 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक वाहन हो. इससे वाहन निर्माता कंपनियों की बिक्री को भी बढ़ावा मिलेगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2019-20 में इलेक्ट्रिक वाहनों पर 1.5 लाख रुपए तक की कर (टैक्स) छूट की बात कही थी. इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों को आकर्षित करने में कंपनियों को मदद मिलेगी.
जीएसटी परिषद (GST Council) का फैसला |
जीएसटी परिषद (GST Council) का फैसला, इलेक्ट्रिक गाड़ियों जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया. जबकि, चार्जर पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया. परिषद ने स्थानीय अथॉरिटीज की तरफ से भाड़े पर ली जाने वाली इलेक्ट्रिक बसों पर जीएसटी न लगाने का फैसला किया है. |
इससे पहले 25 जुलाई को होनी थी बैठक
इससे पहले जीएसटी परिषद की बैठक 25 जुलाई 2019 को होनी थी, लेकिन बाद में इसे कुछ कारणों के वजा से टाल दिया दिया गया था. वित्त मंत्री को संसद में चल रहे बजट सत्र में राज्य सभा में दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) बिल पर चर्चा के लिए शामिल होना था, जिसकी कारण से इस बैठक को टाल दिया गया था.
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पृष्ठभूमि:
आम बजट में भी इससे पहले इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद पर कर (टैक्स) छूट की घोषणा की गई थी. इससे पहले 21 जून को हुई जीएसटी परिषद की 35वीं बैठक में ई-व्हीकल पर जीएसटी कटौती का मुद्दा रेट फिटमेंट कमेटी को भेजा गया था. इस कमेटी की ओर से टैक्स घटाने के विषय पर सहमति दी थी.
केंद्र सरकार ने भी इससे पहले पेट्रोल डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन फीस में भी बढ़ोतरी का घोषणा किया था. इसके भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा मिलेगा. इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियां बहुत लंबे समय से जीएसटी दरों में कटौती की मांग कर रही थीं.
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