माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण (एनएए) का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया है. जीएसटी परिषद ने प्राधिकरण कार्यकाल दो साल के लिए नवंबर 2021 तक बढ़ा दिया है.
जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं देने वाली कंपनियों पर दस प्रतिशत तक जुर्माना लगाने की मंजूरी दी है. जीएसटी परिषद की 21 जून 2019 को हुई 35वीं बैठक के बाद राजस्व सचिव ए बी पांडेय ने संवाददाताओं से कहा कि जीएसटी नेटवर्क पर पंजीकरण के लिए कंपनियों को आधार के इस्तेमाल की अनुमति देने का भी फैसला किया गया है.
पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 35वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इस बैठक में कारोबारियों के साथ-साथ आम जनता को बड़ी राहत दी गई. अब कोई भी नया कारोबारी आधार के जरिए अपना जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कर सकेगा. इसके अतिरिक्त 1 जनवरी 2020 से कारोबारियों को केवल एक पेज का रिटर्न फॉर्म भरना होगा. वहीं मल्टीप्लेक्स में ई-टिकट को अनिवार्य किया जाएगा. |
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली परिषद में सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर को 12 से घटाकर पांच प्रतिशत और इलेक्ट्रिक चार्जर पर 18 से घटाकर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव फिटमेंट समिति को भेजा गया है.
यह भी पढ़ें: जीएसटी परिषद की बैठक में रियल एस्टेट सेक्टर पर जीएसटी हेतु निर्णय लिए गए
जीएसटी को एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था. उसके तत्काल बाद सरकार ने दो साल के लिए पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता की स्थापना को मंजूरी दी थी. एनएए 30 नवंबर 2017 को इसके चेयरमैन बी एन शर्मा के कार्यभार संभालने के बाद अस्तित्व में आया था. अभी तक एनएए विभिन्न मामलों में 67 आदेश पारित कर चुका है.
आर्टिकल अच्छा लगा? तो वीडियो भी जरुर देखें!
जीएसटी परिषद:
वस्तु एवं सेवा कर परिषद (जीएसटी काउंसिल) का गठन 15 सितंबर 2016 को किया गया था. यह परिषद् देश में जीएसटी कर निर्धारण से सम्बंधित प्रमुख नीति-निर्माता संगठन है. यह परिषद् जीएसटी कर दर, कर छूट, कर नियम तथा कर डेडलाइन इत्यादि का निर्धारण करती है.
जीएसटी परिषद् के अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री हैं. इसके सदस्य के रूप में वित्त राज्य मंत्री के साथ साथ राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री या प्रतिनिधि शामिल हैं. जीएसटी परिषद् की अधिसूचना जारी होने के बाद से परिषद् की पहली बैठक 22-23 सितंबर 2016 को हुई. जीएसटी परिषद् में किसी प्रस्ताव के स्वीकृत होने के लिए तीन-चौथाई बहुमत जरूरी है.
यह भी पढ़ें: GST परिषद ने निर्माणाधीन घरों पर टैक्स 12% से घटाकर 5% किया
यह भी पढ़ें: कैबिनेट ने जीएसटी अपीलीय अधिकरण की राष्ट्रीय पीठ के गठन को मंजूरी दी
For Latest Current Affairs & GK, Click here
Comments
All Comments (0)
Join the conversation