प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 23 जनवरी 2019 को वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय अधिकरण की राष्ट्रीय पीठ (जीएसटीएटी) के गठन को मंजूरी दे दी है. अपीलीय अधिकरण की राष्ट्रीय पीठ नई दिल्ली में स्थित होगी.
जीएसटीएटी की अध्यक्षता इसके अध्यक्ष करेंगे एवं इसमें एक तकनीकी सदस्य (केन्द्र) और एक तकनीकी सदस्य (राज्य) शामिल होंगे. जीएसटीएटी की राष्ट्रीय पीठ के गठन पर एकमुश्त व्यय 92.50 लाख रुपये का होगा, जबकि आवर्ती व्यय सालाना 6.86 करोड़ रुपये होगा.
उल्लेखनीय है कि अभी जीएसटी के तहत राज्य के भीतर होने वाले विवाद के निपटान के लिए व्यवस्था मौजूद है. लेकिन अब, दो या अधिक राज्यों के बीच होने वाले विवादों के समाधान के उद्देश्य से जीएसटीएटी की राष्ट्रीय पीठ बनाने को मंजूरी दी गयी है. जीएसटी परिषद ने इसके गठन की सिफारिश की थी.
जीएसटी अपीलीय अधिकरण का ब्यौरा
• वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय अधिकरण, जीएसटी कानूनों में दूसरा अपील का मंच है और केन्द्र एवं राज्यों के बीच विवाद समाधान का प्रथम समान मंच है.
• केन्द्र और राज्य, वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के अंतर्गत अपीलीय प्राधिकरणों द्वारा जारी प्रथम अपीलों में दिए गए आदशों के विरुद्ध अपील, जीएसटी अपीलीय अधिकरण के समक्ष दाखिल होती है जो कि केन्द्र तथा राज्य जीएसटी अधिनियमों के अंतर्गत एक होता है.
• समान मंच होने के कारण जीएसटी अपीलीय अधिकरण सुनिश्चित करेगा कि जीएसटी के अंतर्गत उत्पन्न हो रहे विवादों का निपटान उचित समयावधि में किए जाए.
• जीएसटी संबंधित सभी विवादों का एक स्थान पर निपटान होने से विवादों के समाधान में एकरूपता होगी और इस प्रकार समूचे देश में जीएसटी को समान रूप से कार्यान्वित किया जाएगा.
संवैधानिक प्रावधान
• वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के अध्याय XVIII में जीएसटी प्रशासन के अंतर्गत विवाद समाधान हेतु अपीलीय और समीक्षा तंत्र की व्यवस्था की गई है.
• केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम की धारा 109 केन्द्रीय सरकार को इस बात के लिए शक्ति प्रदान करती है कि वह परिषद की सिफारिश पर अधिसूचना द्वारा सिफारिश में विनिर्दिष्ट तारीख से प्रभावी बनाते हुए वस्तु एवं सेवा कर अपील के रूप में पारित किए गए आदेशों के विरुद्ध अपीलों की सुनवाई करेगा.
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