वस्तु एवं सेवा कर परिषद (जीएसटी काउंसिल) ने 04 अगस्त 2018 को लघु उद्योगों की विभिन्न समस्याओं से निपटने हेतु एक मंत्री स्तरीय समूह बनाया है. इस समूह का अध्यक्ष राज्य वित्त मंत्री शिव प्रताप शुक्ल को बनाया गया है.
यह समूह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए कर राहत के संबंध में सभी प्रस्तावों की जांच करेगा और परिषद को सिफारिशें भेजेगा. यह समूह अगले छह सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.
एमएसएमई की समस्याओं को निपटाने के लिए उप-समिति बनाई जाएंगी. यह समिति एमएसएमई की समस्या सुनकर एक रिपोर्ट तैयार करेंगी. यह दोनों समितियां मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगी तथा शिव प्रताप शुक्ला की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह को सिफारिशें सौंपेगी.
एमएसएमई हेतु इस उप-समिति में यह भी शामिल होंगे
• दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
• बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी
• असम वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा
• केरल वित्त मंत्री थॉमस इसाक
• पंजाब वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल
एमएसएमई क्षेत्र के उभरते मुद्दे
नई जीएसटी दरों के बाद एमएसएमई क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों पर चिंता व्यक्त की गयी है. एमएसएमई क्षेत्र के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए कुछ सुझावों में करदाताओं को अंतरराज्यीय आपूर्ति की सीमा बढ़ाने के लिए जीएसटी के तहत पंजीकरण किए बिना 20 लाख रुपये तक की अनुमति देना शामिल था. वर्तमान नियमों के अनुसार यदि करदाता का वार्षिक कारोबार 20 लाख रुपये से कम है तो भी करदाताओं को टैक्स के लिए साइन अप करना होता है.
जीएसटी काउंसिल के अन्य निर्णय
जीएसटी काउंसिल की 29वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देन के लिए कैशबैक प्रदान करने का फैसला किया है. भीम एप के जरिए डिजिटल भुगतान करने पर 20 फीसदी कैशबैक मिलेगा. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 29-30 सितंबर को गोवा में होगी.
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