ग्वाटेमाला ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के निर्णय के बाद वह भी इज़राइल में अपने दूतावास को पवित्र शहर यरूशलेम में स्थानांतरित करने जा रहा है. यह कहा गया है कि इजरायल में अपने दूतावास को यरूशलेम में स्थानांतरित करने के लिए अमेरिका का पालन करना एक "संप्रभु निर्णय" है जो अन्य देशों के साथ संबंधों को प्रभावित नहीं करेगा.
यूएनजीए (संयुक्त राष्ट्र महासभा) द्वारा अमेरिका के यरूशलेम प्रस्ताव को दो-तिहाई बहुमत के साथ ख़ारिज करने के बाद, ग्वाटेमाला ने यरूशलेम को इजरायल की राजधानी स्वीकार करने की घोषणा की.
डोनाल्ड ट्रम्प ने यरूशलम को इज़राइल की राजधानी घोषित किया
संयुक्त राष्ट्र महासभा में यरूशलेम प्रस्ताव
यरूशलेम के मामले में, 128 देशों ने अंतर्राष्ट्रीय सहमति बनाए रखने के समर्थन में वोट दिया कि यरूशलेम का दर्जा केवल इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच शांति वार्ता के माध्यम से तय किया जा सकता है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में आयोजित प्रस्ताव के खिलाफ केवल 8 देशों ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मतदान किया, उनमें से ग्वाटेमाला और केंद्रीय अमेरिकी देश होंडुरास है.
हालांकि, कई महत्वपूर्ण अमेरिकी सहयोगी राष्ट्रों ने यूएनजीए वोट में भाग नहीं लिया, उनमें से ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको और पोलैंड प्रमुख हैं. फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया जैसे अन्य देशों ने, 128 देशों के साथ बहुमत का समर्थन किया और यरूशलेम को इजरायल की राजधानी बनाने के एकतरफा निर्णय को अस्वीकृत कर दिया.
यूएस के पक्ष में आठ देशों में ग्वाटेमाला, होंडुरास, माइक्रोनेशिया, नौरु, पलाऊ, इजरायल, मार्शल द्वीप और टोगो था.
ग्वाटेमाला और अन्य देशों ने अमेरिका के साथ क्यों खड़ा किया?
ग्वाटेमाला और होंडुरास अपने यहाँ पनपे हुए असामाजिक तत्वों के गिरोहों वाले क्षेत्रों में सुरक्षा को विकसित करने के लिए अमेरिकी धन पर भारी रूप से निर्भर हैं. घर पर बेहतर स्थिति प्रदान करने के लिए अमरीका उन्हें 750 मिलियन डालर दे रहा है.
ये दो राष्ट्र और एल साल्वाडोर को मध्य अमेरिका के उत्तरी त्रिकोण (नोर्दर्न ट्रायंगल ऑफ़ सेंट्रल अमेरिका) के रूप में जाना जाता है.
ये निर्णय क्यों?
इसके राष्ट्रपति जिमी मोरालेस के अनुसार, ग्वाटेमाला ऐतिहासिक समय से इजरायल के साथ रहा है और पिछले सात दशक के संबंधों में, इसराइल, ग्वाटेमाला का सहयोगी रहा है. इस निर्णय के बावजूद विश्व भर में हम नौ हैं (संयुक्त राष्ट्र के वोट में), लेकिन हमारे पास निश्चितता और दृढ़ विश्वास है कि यह सही रास्ता है.
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