गुजरात सरकार ने 29 अप्रैल 2016 को आर्थिक पिछड़ेपन को आधार मानकर राज्य में सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया. राज्य सरकार में मंत्री विजय रूपानी ने के अनुसार 1 मई को अधिसूचना जारी की जाएगी.
आरक्षण देने का निर्णय भाजपा की राज्य इकाई के कोर ग्रुप की बैठक में लिया गया. वे परिवार जिनकी वार्षिक आय 6 लाख रुपये से कम है, उन्हें इस आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा.
गुजरात सरकार द्वारा जारी आरक्षण के मुख्य बिंदु
• सामान्य वर्ग को दिया गया यह आरक्षण राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए जा रहे 49 प्रतिशत आरक्षण से अलग है.
• इससे गुजरात में आरक्षण का कुल स्तर 59 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा जो सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय की गई 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक है.
• इससे पहले राजस्थान सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 14 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया था, जिसे उच्च न्यायालय ने ठुकरा दिया था.
• इस आरक्षण का लाभ गुजरात के पाटीदार समुदाय सहित गैर-आरक्षण श्रेणी में आने वाले आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को मिलेगा.
• गुजरात से पहले हरियाणा सरकार भी जाटों के लिए विशेष आरक्षण जारी कर चुकी है.
पृष्ठभूमि
गुजरात में जुलाई 2015 में पटेल आंदोलन अचानक भड़क उठा था जिसमें काफी हिंसा भी हुई थी. इस आंदोलन में पाटीदार समुदाय ने आरक्षण की मांग की थी. पाटीदार समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण की मांग कर रहे हैं. इस आंदोलन के मुख्य नेता 22 वर्षीय हार्दिक पटेल अक्टूबर 2015 से जेल में हैं.
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