वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) ने हाल ही में कहा कि उसने जिंक स्मेल्टर संयंत्र लगाने को लेकर गुजरात सरकार के साथ समझौता किया है. परियोजना में 10,000 करोड़ रुपए तक निवेश अनुमानित है. यह वेदांता समूह का राज्य में पहला निवेश है.
यह समझौता मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने वेदांता समूह के साथ किया. एचजेडएल ने एक बयान में कहा कि यह कारखाना 415 एकड़ में फैला होगा और चरणबद्ध तरीके से 5,000 से 10,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इससे प्रत्यक्ष अैर अप्रत्यक्ष रूप से 5,000 नौकरियां सृजित होंगी.
उद्देश्य
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने निर्धारित समय सीमा में संयंत्र को कार्यरत करने के मकसद से राज्य सरकार के संपूर्ण सहयोग की तत्परता व्यक्त की. उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य में निर्मित प्रभावशाली और अत्याधुनिक औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ कंपनी को मिलेगा.
In the presence of CM Shri @vijayrupanibjp, the Gujarat Govt today signed an MoU with Vedanta Group’s @Hindustan_Zinc for setting up the world’s largest zinc smelter complex at Doswada in the tribal Tapi district of South Gujarat. pic.twitter.com/M1jvyXrMzj
— CMO Gujarat (@CMOGuj) October 14, 2020
मुख्य बिंदु
• यह कारखाना 2022 तक परिचालन में आएगा. यह परियोजना तापी जिले के दोसवाडा जीआईडीसी (गुजरात औद्योगिक विकास निगम) में लगेगी.
• बयान के मुताबिक, एचजेडएल ने गुजरात सरकार के साथ 300 किलो टन सालाना क्षमता का जिंक स्मेल्टर संयंत्र लगाने को लेकर गुजरात सरकार के साथ सहमति पत्र पर दस्तखत किये.
• गुजरात सरकार ने गांधीनगर में हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के साथ दक्षिण गुजरात के जनजातीय क्षेत्र तापी के दोसवाड़ा में दुनिया के सबसे बड़े जिंक स्मेल्टर कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए करार किया.
• उद्योग विभाग सह मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव एमके दास और हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने इस समझौता पर हस्ताक्षर किए.
• इस परियोजना के चलते राज्य के जनजातीय क्षेत्र की आर्थिक-सामाजिक विकास की गति को और रफ्तार मिलेगी.
• एशिया और मध्य पूर्व के देशों में जिंक के बड़े पैमाने पर निर्यात तथा घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार की बढ़ती मांग की आपूर्ति के मद्देनजर कंपनी इस संयंत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगी. वेदांता समूह का गुजरात में यह पहला बड़ा उद्यम है.
• राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति का लाभ उठाते हुए कंपनी इस आदिवासी बहुल क्षेत्र में स्टेट ऑफ दी आर्ट रिसर्च एंड डवलपमेंट सेंटर (आरएंडडी सेंटर) भी शुरू करेगी. इस सेंटर से प्राकृतिक संसाधनों का तकनीक और नवाचार के जरिए संवर्धन और संरक्षण हो सकेगा.
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड: एक नजर में
गौरतलब है कि हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जिंक लीड माइनर कंपनी है. कंपनी के पास नई टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के जरिए दुर्लभ प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का 50 वर्ष से भी अधिक विशाल अनुभव है.
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