गुजरात उच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों में ईबीसी (आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दिए वाली अधिसूचना को गुजरात हाईकोर्ट ने 4 अगस्त 2016 को खारिज कर दिया.
वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों को मद्देनजर रखते हुए आनंदीबेन पटेल सरकार ने उच्च शिक्षा और सरकारी नौकरियों में ईबीसी के लिए 10 प्रतिशत का कोटा देने के लिए 1 मई 2016 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था.
राज्य सरकार के ईबीसी को कोटा देने का फैसला जून में गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई थी.
राजकोट के लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता, जयंतीभाई मनानी द्वारा दायर की गई याचिका पर अदालत ने प्रतिक्रिया देते हुए एक नोटिस जारी किया था.
न्यायालय का फैसला-
याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से आग्रह किया था कि राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर जारी गुजरात गैर-आरक्षित आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (राज्य में शिक्षण संस्थानों और राज्य के तहत सेवाओं में नियुक्तियों तथा पदों में आरक्षण) अधिसूचना, 2016 गैर-आरक्षित वर्ग से ताल्लुक रखने वाले ऐसे लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान था जिनके परिवार की वार्षिक आय छह लाख रुपये से अधिक न हो. इस अध्यादेश को खारिज किया जाए.

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