पूर्व विद्रोही और वामपंथी नेता गुस्तावी पेट्रो कोलंबिया के नए राष्ट्रपति के तौर पर चुने गए है। पहली बार किसी वामपंथी नेता के सत्ता में आने से हर ओर हलचल मच गयी है।पेट्रो ने रोडोल्फो हर्नांदेज़ के खिलाफ शनिवार को केवल तीन फीसदी के अंतर से राष्ट्रपति सीट अपने नाम की थी। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, नव निर्वाचित राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो को गरीबों और प्रताड़ित वर्ग की आवाज़ माना जा रहा है।
कौन है गुस्तावो पेट्रो ?
राष्ट्रपति पेट्रो का पूरा नाम गुस्टावो फ्रांसिस्को पेट्रो उरेगो है। 19 अप्रैल 1960 में जन्में पेट्रो के पास आधिकारिक तौर पर इटली देश की नागरिकता भी है। पेट्रो की शुरूआती पढ़ाई कोलेजियो डी ला साले से हुई थी और यहीं से उन्होंने अपने पहले समाचार पत्र कार्टा अल पुएब्लो ( लेटर टू द पीपल ) की शुरूआत की थी।
कोलंबिया के जाने-माने अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ गुस्टावो ने विश्व के कई जाने-माने कॉलेजों से स्नातक पूरा किया है। 17 साल की कम उम्र में ही वो आंदोलन में शामिल हो गये थें, और गुरिल्ला गतिविधियों को अंजाम देने लगे थें। ये गुरिल्ला समूह आगे चल कर एम-19 नाम के डेमोक्रेटिक अलायन्स नाम के राजनीतिक दल में बदल दिया गया था। 1991 में राष्ट्रपति पेट्रो इस पार्टी के चैम्बर ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर चुने गए थें।
राजनीतिक करियर
वर्तमान राष्ट्रपति गुस्टावो पेट्रो का राजनीतिक सफ़र बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा है| उनके करियर की शुरुआत 19 अप्रैल आंदोलन में शामिल होने के साथ हुई थी। आन्दोलन के नेता बनने के साथ ही 1981 में वो जिपाकविरा के लोकपाल और 1984 से 1986 तक काउंसलर चुने गए।
उन्होंने 2006 के कोलंबियाई संसदीय चुनाव में सबसे ज्यादा मतों के साथ अल्टरनेटिव डेमोक्रेटिक पोल (पीडीए) पार्टी के सदस्य की सीट जीती थी। वहीँ साल 2010 में होने वाले कोलंबियाई राष्ट्रपति चुनाव के लिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, वैसे इस चुनाव में उन्हें जीत हासिल नहीं हुई थी।
आगे चल कर पेट्रो ने बोगोटा मेयर चुनाव के लिए ‘ह्यूमन कोलंबिया आंदोलन’ नाम की पार्टी स्थापित की थी। इस चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई थी। उनके कुशल कार्यकाल के लिए उन्हें “क्लाइमेट एंड सिटी लीडरशिप’ से नवाज़ा गया था | इसके अलावा राष्ट्रपति गुस्टावो को कोलंबिया के दो सबसे बड़े पुरस्कारों ओडीबी और ओडीएससी से सम्मानित किया गया है
पेट्रो ने 2018 में राष्टपति पद के लिए पहला चुनाव लड़ा था। इस बार वो कम मतों के कारण भले ही पहला नंबर न पाया हो, पर दूसरा स्थान जरुर हासिल किया था। इसके बाद उन्होंने 2021 में उन्होंने साल 2022 में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा की और विजयी भी हुए।
गुस्तावो की जीत पर अचंभित हैं विश्लेषक
कोलंबिया के राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत गुस्टावो पेट्रो ने 19 जून को 2022 कोलम्बियाई राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर में रोडोल्फो हर्नांडेज़ सुआरेज़ को हराया। पद ग्रहण करने के बाद, पेट्रो कोलंबिया के पहले वामपंथी राष्ट्रपति बने। ये बात राजनीतिक विशेषज्ञों के लिए आम नहीं है। हिंसा की मार झेल रहे कोलंबिया देश ने कभी भी वामपंथी विचारधारा की तरफ झुकाव नहीं दिखाया था। उनका मानना है कि वामपंथी गोरिल्ला समूहों को सपोर्ट करते हैं। शायद यही कारण है कि कई संगठन पेट्रो की जीत को महज एक इत्तेफ़ाक मान रहे हैं।
गुस्तावो पेट्रो की नीतियों के हैं चर्चे
गुस्टावो ने अपने मेयर के कार्यकाल में ही पर्यवारण के प्रति अपने लगाव को दिखाया था। ऐसे में जब उन्होंने इस बार मानवाधिकार और पर्यावरण को चुनावी मुद्दे के तौर पर परोसा तो हर किसी ने यकीन कर लिया। देश में महतवपूर्ण बदलाव के वादे के साथ उन्होंने चुनाव जीतने के बाद कई नयी नीतियों के बारे में बात की जो इस प्रकार हैं:
- पेट्रो ने कहा कि उनकी सरकार मतभेदों और गरीबी से आई असमानता को पाटने का काम करेगी।
- अपने भाषण में उन्होनें ने बताया कि सरकार वनोें की कटाई पर रोक लगाने के साथ ही नेचुरल फ्यूल पर निर्भरता को कम करने का काम करेगा।
- सोने की खदानों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों को लेकर उलझे समूहों के बीच सुलह कर शान्ति वार्ता शुरू करने के बारे में भी नए राष्ट्रपति ने बात कही।
गुस्टावो पेट्रो के राष्ट्रपति काल को कोलंबिया के लिए विकास काल के रूप में देखा जा रहा है। जानकारों का मानना है कि ये सरकार कोलंबिया के लोगों के लिए समानता, शान्ति और बेहतर जीवन पाने के लिए उम्मीद की किरण है।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation