'सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की ट्रैकिंग: ग्लोबल मॉनिटरिंग रिपोर्ट 2017 के अनुसार दुनिया की आधी आबादी जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं लेने में अक्षम हैं और हर साल करीब 100 मिलियन लोग, जिसमें भारतीय भी शामिल हैं, स्वास्थ्य सेवा पर खर्चे के कारण गरीबी में गिरते जा रहें हैं.
सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की ट्रैकिंग: ग्लोबल मॉनिटरिंग रिपोर्ट 2017 विश्व बैंक और विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा प्रकाशित की जाती है.
कांगो में चार लाख बच्चे भूख से मर सकते हैं: यूनिसेफ रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
इस रिपोर्ट से पता चला है कि वर्तमान में 800 मिलियन लोग कम से कम अपने घर के बजट का 10% अपना, बच्चे या परिवार के अन्य सदस्य के उपर खर्च करते हैं.
इनमें से लगभग 100 मिलियन लोगों को यह ‘अत्यंत’ गरीबी में धकेलता है, और ऐसे लोग दिन में 1.90 डॉलर या उससे कम पर अपना जीवन-यापन करने को मजबूर हैं.
यह रिपोर्ट में स्वास्थ्य पर "भयावह" खर्च का आंकलन कुल व्यय या खपत का 10% और 25% से अधिक के खर्च के आधार पर करता है.
भारत में हर छठवां घर (घरेलू आय का 10% से अधिक) और 3.9% (घरेलू आय का 25% से अधिक) से अधिक लोग बिना किसी अन्य सहयोग से अपने आय की क्षमता से अधिक खर्च इलाज पर करता है.
वहीँ, ब्रिक्स देशों में, दक्षिण अफ्रीका में, जो स्वास्थ्य पर सकल घरेलू उत्पाद पर 8.7% खर्च करता है, और रूस, जिसका स्वास्थ्य सेवा प्रणाली मुख्यतः राज्य-वित्त पोषित है, यह अनुपात क्रमशः 0.1% और 0.6% है.
यह आंकड़ा अमेरिका में 0.8% का है, और चीन और ब्राजील का अनुपात क्रमशः 4.8% और 3.5% है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 4.2% और 4.6% परिवार स्वास्थ्य पर खर्च के कारण, दो अलग-अलग गरीबी रेखाओं के आधार पर गरीब हैं.
यह मानते हुए कि भारत में लगभग 24 करोड़ घर हैं, इसका मतलब है कि लगभग एक करोड़ घर या लगभग 5 करोड़ की आबादी स्वास्थ्य खर्च के कारण ग़रीब हो रही है.
भारत की विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान: संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट
Comments
All Comments (0)
Join the conversation