केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने 6 जून 2017 को स्वास्थ्य के क्षेत्र में कौशल विकास के लिए स्किल फोर लाइफ, सेव अ लाइफ अभियान की शुरूआत की. भारत जन-सांख्यकीय लाभ की स्थिति में है क्योंकि भारत की 65 फीसदी से अधिक आबादी 35 वर्ष की आयु से नीचे है.
सरकार ने इस स्थिति में युवाओं को जरूरी कौशल देकर सतत और समेकित विकास की मजबूत आधारशिला रखना सुनिश्चित किया है. ‘स्किल्स फोर लाइफ, सेव अ लाइफ’ अभियान का उद्देश्य स्वास्थ्य प्रणाली में प्रशिक्षित लोगों की गुणवत्ता और संख्या को बढ़ाना है.
कौशल विकास और उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव सी.के. मिश्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन की भारत में प्रतिनिधि डॉ. हेंक बेकेडम भी इस अवसर पर मौजूद थे.
मुख्य तथ्य:
• इस अभियान के तहत कई पाठ्यक्रमों को शुरू करने की योजना है. जिसके तहत हैल्थ केयर के क्षेत्र में अलग-अलग योग्यताओं वाले लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा साथ ही आम लोगों को भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.
• सभी कोर्सों का पाठ्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान और अखिल भारतीय आर्युविज्ञान नई दिल्ली में तैयार किया है.
• केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि युवाओं के कुशल होने से उन्हें शीघ्र रोजगार मिलता है और इससे देश समृद्ध होगा.
• केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इससे युवाओं को नौकरी मिलने की उम्मीदों वास्तविक नौकरियों की उपलब्धता के बीच अंतर कम होगा.
• स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कुशलता से देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती और प्रत्येक क्षेत्र में प्रशिक्षित कुशल मानव संसधान की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर कम होता है. देश में स्वास्थय के क्षेत्र में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों के लिए व्यापक संभावनाएं है. ऐसी पाठ्यक्रमों के शुरू होने से स्वास्थ्य क्षेत्र को पर्याप्त प्रशिक्षित कर्मी मिल सकेंगे.
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