उत्तर प्रदेश सरकार ने मशहूर गजल गायिका बेगम अख्तर की याद में दादरा, ठुमरी और गजल के लिए ‘बेगम अख्तर पुरस्कार’ देने का फैसला किया. पुरस्कार स्वरूप 5 लाख रुपए नकद, अंगवस्त्र और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाएगा.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘मशहूर गजल गायिका बेगम अख्तर के जन्म के सौ वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर ‘बेगम अख्तर पुरस्कार’ देने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई.
यह पुरस्कार हर वर्ष प्रदेश के ऐसे योग्य गायक या गायिका को दिया जाएगा जिसने दादरा, ठुमरी और गजल के क्षेत्र में व्यक्तिगत प्रयासों से उत्कृष्ट आयाम स्थापित किए हों. बेगम अख्तर का वास्तविक नाम अख्तरीबाई फैजाबादी था. अपनी गायकी के दम पर वह ‘मल्लिका-ए-गजल’ कही जाने लगी थीं. बेगम अख्तर ने हिन्दी फिल्मों में भी गायकी की.
बेगम अख्तर के बारे में
• अख्तर बाई फैजाबादी, बेगम अख्तर के नाम से मशहूर थीं. वे हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत शैली की ठुमरी, गजल और दादरा की मशहूर गायिका थीं.
• वर्ष 1972 में मुखर संगीत के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला.
• वर्ष 1968 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री और वर्ष 1975 में पद्म् भूषण (मरणोपरांत) सम्मान से सम्मानित किया.
• उनके शिष्यों में शांति हीरानंद हैं जिन्हें बाद में पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया गया था. इन्होंने बेगम अख्तरः द स्टोरी ऑफ माई अम्मी (2005) नाम से एक जीवनी लिखी.
• कला समीक्षक एस. कालीदास ने इनपर हाए अख्तरी नाम से एक वृत्तचित्र का निर्देशन किया. उन्हें मल्लिका–ए–गजल के खिताब से नवाजा गया था.
• उनका जन्म 7 अक्टूबर 1914 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में बड़ा दरवाजा इलाके में हुआ था.
• उनकी मृत्यु 30 अक्टूबर 1974 को गुजरात के अहमदाबाद में हुई. बेगम अख्तर को लखनऊ के पसंदा बाग में दफनाया गया.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation