E-Census: गृह मंत्री अमित शाह ने 'ई-जनगणना' की घोषणा की

May 10, 2022, 20:00 IST

E-Census: वास्तव में गृह मंत्रालय ने 09 मई 2022 को कहा कि जनगणना को और भी ज्यादा साइंटिफिक बनाने हेतु आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जाएगा.

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E-Census: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बड़ा घोषणा किया है. अमित शाह ने कहा है कि अब अगली जनगणना ई जनगणना (E-Census) होगी और ये जनगणना अगले 25 वर्षों की नीतियों को आकार देंगी. वास्तव में गृह मंत्रालय ने 09 मई 2022 को कहा कि जनगणना को और भी ज्यादा साइंटिफिक बनाने हेतु आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जाएगा.

अमित शाह असम के दो दिवसीय दौरे पर हैं. वे 08 मई देर रात असम पहुंचे. अमित शाह हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ पर कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए राज्य में हैं. अमित शाह ने गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के साथ जनगणना भवन का उद्घाटन और निरीक्षण किया और अमिनगांव में एसएसबी की नवनिर्मित इमारतों को समर्पित किया.

25 वर्षों की नीतियों को आकार

अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने जनगणना को और अधिक वैज्ञानिक बनाने हेतु आधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है. अगली जनगणना ई-जनगणना होगी, जो 100 प्रतिशत सटीक होगी. अगली ई-जनगणना अगले 25 वर्षों की नीतियों को भी आकार देगी. उन्होंने कहा कि मैं और मेरा परिवार सॉफ्टवेयर के लॉन्च होने पर सबसे पहले सभी विवरण ऑनलाइन भरेगा.

हर 10 साल में होती है जनगणना

भारत में अभी तक प्रत्येक 10 सालों में जनगणना की जाती रही है. आखिरी बार साल 2011 में इस काम को पूरे देश में किया गया था. इस हिसाब से साल 2021 में जनगणना होनी चाहिए थी लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इसे शुरू नहीं किया जा किया सका है.

बता दें भारत जैसे बड़ी जनसंख्या वाले देश में जनगणना का काम कभी आसान नहीं रहा है. इसमें कई विभाग के सरकारी कर्मचारियों की सहायता ली जाती है. सरकारी अध्यापकों की भूमिका इस काम में सबसे महत्वपूर्ण होती है. हाल ही में सीएए एवं एनआरसी को लेकर हुए विवाद का असर जनगणना की प्रक्रिया पर पड़ सकता है.

जनगणना को लेकर सबसे बड़ा विवाद

देश में जातिगत जनगणना एक बहुत बड़ा विवाद है. बता दें कई राजनीतिक दलों के लिए यह वोट का हथियार है. जनगणना के आंकड़ों पर गौर करें तो देश के 70 प्रतिशत से 75 प्रतिशत परिवार ग्रामीण इलाकों से आते हैं और उनमें आधे से ज्यादा गरीब हैं.

NRC क्या है?

दरअसल NRC यानी कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन एक रजिस्टर है. बता दें सरकार की योजना है कि इस रजिस्टर में भारत में रह रहे सभी वैध नागरिकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा. NRC अभी केवल असम में लागू है. हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि NRC को पूरे देश में लागू किया जाएगा. ध्यान रहे कि NRC में केवल वैध नागरिकों का ही रिकॉर्ड रखा जाएगा.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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