भारत में 16 जनवरी से कोविड-19 का टीकाकरण शुरू होने जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने 09 जनवरी 2021 को कहा कि प्राथमिकता के स्तर पर पहले तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और फ़्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीन लगाई जाएगी. सरकार की योजना है कि वैक्सीन पहले निर्माताओं से चार बड़े कोल्ड स्टोरेज केंद्रों (करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) तक पहुँचाई जाएँगी जहाँ से उन्हें 37 राज्य-संचालित स्टोर्स में भेजा जाएगा.
मंत्रालय ने कहा कि इसके बाद 50 से ऊपर उम्र वालों और 50 से कम उम्र वाले उन लोगों को जो कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हैं को वैक्सीन लगाई जाएगी. भारत में ऐसे लोगों की तादात 27 करोड़ है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह घोषणा प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में महामारी पर हुई समीक्षा बैठक के बाद की है.
2-2वैक्सीन को मंजूरी
भारत में भी कोरोना महामारी (Corona virus) से निजात पाने के लिए 2-2वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है. वैक्सीनेशन के लिए भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 02 जनवरी 2021 से कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन शुरू हो चुका है.
नियामक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने के तुरंत बाद टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने हाल ही में ड्राई रन की तैयारियों का खुद जायजा लिया और कहा कि अभी सिर्फ देश के तीन करोड़ हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को फ्री वैक्सीन दिए जाएंगे.
कोविन (Co-WIN App) ऐप
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण के लिए कोविड-19 वैक्सीन वितरण की निगरानी, डाटा रखने और लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए पंजीकृत करवाने के लिए कोविन (Co-WIN App) नाम का एक ऐप बनाया है. देश के नागरिक जो हेल्थ वर्कर्स नहीं हैं उन्हें कोवैक्सीन के लिए कोविन ऐप को गूगल प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर से डाउनलोड करना होगा.
कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन
ऐप को डाउनलोड करने के बाद पंजीकरण मॉड्यूल के जरिए लोग कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे. कोविन ऐप से वैक्सीनेशन का प्रोसेस, प्रशासनिक क्रियाकलापों, टीकाकरण कर्मियों और उन लोगों के लिए एक मंच की तरह काम करेगा, जिन्हें वैक्सीन लगाई जानी है.
कोविन ऐप में 5 मॉड्यूल
कोविन ऐप में पांच मॉड्यूल हैं. पहला प्रशासनिक मॉड्यूल, दूसरा रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, तीसरा वैक्सीनेशन मॉड्यूल, चौथा लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल और पांचवां रिपोर्ट मॉड्यूल.
प्रशासनिक मॉड्यूल: प्रशासनिक मॉड्यूल उन लोगों के लिए है जो टीकाकरण कार्यक्रम का संचालन करेंगे. इस मॉड्यूल के जरिए वे सेशन तय कर सकते हैं, जिसके जरिए टीका लगवाने लोगों और प्रबंधकों को नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी मिल जाएगी.
रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल: रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल उन लोगों के लिए होगा जो टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे.
वैक्सीनेशन मॉड्यूल: वैक्सीनेशन मॉड्यूल उन लोगों की जानकारियां को वेरिफाई करेगा, जो टीका लगवाने के लिए अपना रजिट्रेशन करेंगे और इस बारे में स्टेटस अपडेट करेगा.
लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल: लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल के जरिए टीकाकरण के लाभान्वित लोगों को मैसेज भेजे जाएंगे. साथ ही इससे क्यूआर कोड भी जनरेट होगा और लोगों को वैक्सीन लगवाने का ई-प्रमाणपत्र मिल जाएगा.
रिपोर्ट मॉड्यूल: रिपोर्ट मॉड्यूल के जरिए टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी रिपोर्ट तैयार होंगी, जैसे टीकाकरण के कितने सेशन हुए, कितने लोगों को टीका लगा. कितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन के बावजूद टीका नहीं लगवाया.
टीका सबसे पहले किसे मिलेगा?
स्वास्थ्य कर्मचारी: कोविड-19 वैक्सीन प्रशासन के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (NEGVAC) द्वारा की गई सिफारिशों के मुताबिक ये वैक्सीन सबसे पहले सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में काम करने वाले लगभग एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मचारियों को दिया जाएगा.
फ्रंटलाइन वर्कर्स और नगरपालिका कार्यकर्ता: राज्य और केंद्रीय पुलिस विभाग, सशस्त्र बल, होमगार्ड, आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा संगठन, जेल कर्मचारियों, नगरपालिका के श्रमिकों और राजस्व अधिकारियों से जुड़े लगभग दो करोड़ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, कोविड-19 के नियंत्रण में लगे हुए हैं.
50 साल से अधिक आयु की जनसंख्या: यह समूह दो उप-श्रेणियों में विभाजित है: 60 और 50-60 वर्ष की आयु से ऊपर. इसके लिए लोकसभा और विधान सभा चुनाव की नवीनतम मतदाता सूची का उपयोग टीकाकरण अभियान के तहत आबादी की पहचान करने के लिए किया जाएगा.
हाई COVID-19 संक्रमण वाले क्षेत्र: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पहचान किए गए प्राथमिकता वाले समूहों के लिए रोलआउट की प्राथमिकता चरणबद्ध करने के लिए सामान्य लचीलापन होगा.
शेष जनसंख्या: प्राथमिकता सूची में शामिल लोगों को कवर करने के बाद शेष आबादी को टीका लगाया जाएगा. यहां टीकाकरण महामारी विज्ञान और वैक्सीन की उपलब्धता पर निर्भर करेगा.
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