मानव संसाधन मंत्रालय ने 25 अप्रैल 2018 को उन्नत भारत अभियान के दूसरे संस्करण का शुभारंभ किया. इसके तहत देश भर के 750 उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र गांवों को गोद लेंगे.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसका शुभारंभ करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य है कि कालेज और विश्वविद्यालय के छात्र इसमें शामिल हों और आसपास के गांवों के लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं से अवगत हों. वास्तव में छात्र ही परिवर्तन के वाहक हैं, जो देश के भविष्य को विकसित, सशक्त और उज्ज्वल कर सकते हैं.
उन्होंने इस मौके पर छात्रों को स्वास्थ्य, स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन, वृक्षारोपण, वित्तीय समावेशन, महिलाओं और बाल विकास से संबंधित मुद्दों की पहचान करने और उनका हल करने के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी कराने की भी सलाह दी.
उद्देश्य:
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उचित तकनीक का उपयोग करके स्थानीय समुदायों के विकास चुनौतियों का समाधान करने के लिए उच्च शिक्षा के प्रमुख संस्थानों को शामिल करके एक समावेशी भारत की वास्तुकला का निर्माण करना है.
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उन्नत भारत अभियान:
• उन्नत भारत अभियान मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक कार्यक्रम है, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बनाया गया है. इस कार्यक्रम को आईआईटी, एनआईटी आदि के साथ मिल कर बनाया गया है.
• उन्नत भारत अभियान (यूबीए) ग्रामीण उत्थान के लिए राष्ट्रीय मिशन है जो ग्रामीण विकास प्रक्रियाओं में परिवर्तनकारी परिवर्तनों के दृष्टिकोण से प्रेरित है.
• उन्नत भारत अभियान एक मिशन की पहल है जिसे 11 नवंबर 2014 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली द्वारा समन्वित किया गया है.
उन्नत भारत अभियान से क्या लाभ हैं?
उन्नत भारत अभियान के तहत, पेशेवर संस्थान, गांवों में दिक्कतों और विकास की जरूरतों को पहचानेंगे. गांवों के विकास में तेजी लाने के लिए आर्थिक रूप से व्यवहार्य समाधान (workable scheme) विकसित किए जाएंगे. ये मिशन तकनीकी समुदायों को तकनीकी रूप से और स्थानीय रूप से व्यावहारिक विकास समाधान में सशक्तिकरण करेगा जो स्वयं-निर्भरता को बढ़ावा देते हैं.
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उन्नत भारत अभियान भारत में क्यों शुरू हुआ?
भारत में, 70% आबादी कृषि क्षेत्र में जुड़ी ग्रामीण इलाकों में रहती है. भारत कृषि प्रधान देश हैं. इसके अलावा, स्वास्थ्य, शिक्षा, आय और सार्वजनिक सेवाओं और परिसंपत्तियों की उपलब्धता में भारी अंतर होता है. इसलिए उन्नत भारत अभियान को इस समझ से शुरू किया गया था कि ग्रामीण विकास के बिना, भारत अपनी विकास क्षमता को बेहतर ढंग से नहीं हासिल कर सकता है और न ही दुनिया में अपनी जगह का दावा कर सकता है.
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